सीबीआई ने दावा करते हुए कहा, ”कविता ने 19 मार्च को व्यापारी को फोन किया और 20 मार्च को हैदराबाद में उनसे मुलाकात की, जहां उन्होंने शराब नीति पर केजरीवाल की टीम के साथ संपर्क का हवाला दिया।उनकी जांच में पता चला कि उनके सीए बुची बाबू के मोबाइल से चैट से मेसर्स इंडोस्पिरिट में उनकी संलिप्तता का संकेत मिला और अन्य साझेदारों में राघव मगुंटा और आरोपी समीर महेंद्रू शामिल थे।
सीबीआई ने आगे बताया, “ब्लैकलिस्टिंग और गुटबंदी के आरोप के बावजूद, मनीष सिसोदिया के दबाव में मेसर्स इंडोस्पिरिट को एल-1 लाइसेंस दिया गया। इसके अलावा, विजय नायर के प्रभाव में मेसर्स इंडोस्पिरिट्स मेसर्स पेरनोड रिकार्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के लिए थोक व्यापारी बन गया, जिसकी दिल्ली में 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है।”
केंद्रीय एजेसी ने कहा है कि जांच से पता चला है कि जून-जुलाई 2021 में, कविता ने शरत चंद्र रेड्डी पर तेलंगाना में कृषि भूमि के लिए बिक्री समझौते को लेकर दबाव डाला, बावजूद इसके कि उन्हें जमीन के बारे में जानकारी नहीं थी। कविता ने जोर देकर कहा कि उन्होंने जमीन के लिए 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया और अरबिंदो समूह की कंपनी माहिरा वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से बिक्री की सुविधा प्रदान की। भुगतान बैंक लेनदेन के माध्यम से किया गया – जुलाई 2021 के पहले सप्ताह में 7 करोड़ रुपये और नवंबर 2021 के मध्य में फिर से 7 करोड़ रुपये।
सीबीआई ने हिरासत के लिए अपनी याचिका में कहा, “कविता को इस मामले में हिरासत में पूछताछ करने के लिए गिरफ्तार करना जरूरी था ताकि उन्हें सबूतों और गवाहों के साथ सामना कराया जा सके और शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन के संबंध में रची गई बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।”