एक और ट्वीट करते हुए सिसोदिया ने कहा कि “वसंत गांव का ये स्कूल कुछ साल पहले तक जर्जर हालत में था, जहां पढ़ना-पढ़ाना नामुमकिन था। जर्जर क्लासरूम और डेस्क, टपकते छत, टूटे हुए बोर्ड देख ये स्कूल जैसा लगता ही नहीं था। खुशी है कि अरविंद केजरीवाल की शिक्षा क्रांति की बदौलत आज ये स्कूल शानदार बिल्डिंग वाला स्कूल बन गया है।” इसके साथ ही सिसोदिया ने स्कूल की फोटोज भी शेयर की।
LG वीके सक्सेना ने बीते दिन शुक्रवार को केजरीवाल को लिखे पत्र के माध्यम से दिल्ली की सरकारी स्कूलों में शिक्षा की स्थिति सहित कई मुद्दों पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि सरकारी स्कूलों में छात्रों की औसत संख्या हर साल घटी है, जो साल 2012-13 में 70.73% थी वह साल 2019-20 में गिरकर 60.65% हो गई है। इसके साथ ही LG ने निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में जाने वाले छात्रों को लेकर जो आम आदमी पार्टी दावा करती है, उन दावों पर सवाल खड़े किए हैं।
LG वीके सक्सेना का जवाब देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनके द्वारा दिए गए आंकड़े झूठे है, जिसके जरिए उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी की पूरी शिक्षा प्रणाली को बदनाम किया है। इसके साथ ही सिसोदिया ने आने लिखा कि “LG ने आरोप लगाया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 16 लाख से कम होकर 15 लाख हो गई, लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़कर 18 लाख हो गई। हमारे शिक्षा विभाग ने स्कूलों के बुनियादी ढांचे में भी बदलाव किया है, टेंट वाले स्कूल अब टैलेंट वाले स्कूलों में बदल गए हैं।”