आयोग ने आम आदमी पार्टी के आरोपों का बिंदुवार खंडन करते हुए कहा कि आपकी सारी शिकायतों की जांच पड़ताल की गई और सारे आरोप बेबुनियाद पाए गए। आयोग के अनुसार विभिन्न उच्च अदालतों ने भी इस तरह के आरोपों को निराधार बताया है।
आयोग का कहना है कि जहाँ तक विदेशों द्वारा ईवीएम का इस्तेमाल न करने की दलील दी जाती है,भारतीय ईवीएम और विदेशी ईवीएम में बहुत अंतर है, दोनों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि आयोग की मशीनों में इस तरह का सॉफ्टवेयर है जो ओटीपी की तरह काम करता है और उस की चिप पर दोबारा कुछ नहीं लिखा जा सकता है।
विदेशों में जो मशीनें हैं वह कम्प्यूटर से इंटरनेट द्वारा संचालित होती हैं जिनमे हैकिंग का खतरा बना होता है लेकिन आयोग की मशीन उस से अलग होती है और उसमे किसी तरह की गड़बड़ी या छेड़ छाड़ की गुंजायश नहीं है।
आयोग ने यह भी कहा कि किसी भी दूसरे देश की ईवीएम के सर्वे के आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमानी है। आयोग ने कहा कि आप ने स्वयं कहा है कि सभी राजनीतिक दलों ने 2010 में यह स्वीकार किया था कि ईवीएम मशीन से मतदान संतोषजनक है और सरकार से वीवी पैट मशीन के इस्तेमाल की मांग की थी ताकि मतदान में पारदर्शिता लाई जा सके।
आयोग ने कहा कि वह चरणबद्ध तरीके से वीवी पैट को लागू करेगी लेकिन फिलहाल सरकार के सामने कुछ वित्तीय संकट है और केवल दो कम्पनियां ही इसका निर्माण कर रही हैं। आयोग ने आप पार्टी के इन आरोपों को भी गलत बताया कि उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम को लेकर कभी कोई टिप्पणी की है या कोई संदेह व्यक्त किया है। आयोग ने कहा कि कृपया एक जिम्मेदार राजनीतिक दल के रूप में इस तरह की काल्पनिक शिकायत न करें।