राष्ट्रीय

बड़ा खुलासा : पाबंदी के बावजूद 20 कंपनियों ने तीन साल से पहले खरीदे 100 करोड़ के बॉन्ड, यहां देखें पूरी लिस्ट

Electoral Bond : पाबंदी के बावजूद करीब 20 कंपनियों ने अपने गठन से तीन साल के भीतर की करीब 100 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। रिपोर्ट के अनुसार, इन 20 कंपनियों में पांच ने अस्तित्व में आने के एक साल के भीतर इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।

Apr 12, 2024 / 01:06 pm

Shaitan Prajapat

electoral bond /strong> : चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को दिए गए चंदे के विश्लेषण से रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब ऐसी जानकारी सामने आई है कि पाबंदी के बावजूद करीब 20 कंपनियों ने अपने गठन से तीन साल के भीतर की करीब 100 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे। वह भी वैसे समय जब देश महामारी से जूझ रहा था और अर्थव्यवस्था सुस्त चल रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, इन 20 कंपनियों में पांच ने अस्तित्व में आने के एक साल के भीतर, सात ने एक साल के बाद और आठ अन्य ने सिर्फ दो साल पूरे करने के बाद इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे।

चार दशक पुराने नियम के अनुसार, कंपनी गठित होने से तीन साल के भीतर राजनीतिक चंदा देने पर प्रतिबंध है। 1985 में संसद ने धारा 293ए में संशोधन किया, जिससे कुछ शर्तों के अधीन फर्मों द्वारा राजनीतिक चंदा पर प्रतिबंध हटा दिया गया। शर्तों में से एक यह थी कि फर्मों का स्वामित्व सरकार के पास नहीं होना चाहिए और तीन साल से कम पुराना नहीं होना चाहिए। इस खंड को कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 182 के तहत बरकरार रखा गया था।

वित्त अधिनियम, 2017 की धारा 154 में धारा 182 में जब संशोधन किया गया तो चुनावी बॉन्ड की शुरुआत से ठीक पहले इस खंड को फिर से बरकरार रखा गया था। हालांकि, संशोधन ने उस पहले प्रावधान को हटा दिया जिसके द्वारा किसी कंपनी द्वारा चंदे में दी गई राशि उसके पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान उसके औसत शुद्ध लाभ का 7.5% तय किया गया था। कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को पहले तीन साल में चंदा देने पर रोक जारी रही।

तब शुद्ध लाभ 7.5% का प्रावधान हटाया गया तब चुनाव आयोग ने चेतावनी दी थी कि इससे शेल कंपनियों के माध्यम से काले धन का उपयोग हो सकता है।

हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि 2022-24 के बीच कम से कम 55 कंपनियों ने अपने शुद्ध मुनाफे के अधिकतम 7.5 प्रतिशत की सीमा से ज्यादा चंदा राजनैतिक दलों को दिया है। इनमें से 2023-24 में पांच और 2022-23 में आठ कंपनियां ऐसी भी हैं जिनका शुद्ध मुनाफा शून्य था या वे घाटे में थीं, तब भी उन्होंने मोटा चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये राजनैतिक दलों को दिया।



यह भी पढ़ें

Richest Candidate: पहले चरण में टॉप 10 सबसे अमीर उम्मीदवार: नकुलनाथ 717 करोड़ के साथ शीर्ष पर, देखें पूरी लिस्ट





नियम तोड़कर चंदा देनेे वाली कंपनियां

संबंधित विषय:

Home / National News / बड़ा खुलासा : पाबंदी के बावजूद 20 कंपनियों ने तीन साल से पहले खरीदे 100 करोड़ के बॉन्ड, यहां देखें पूरी लिस्ट

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.