निर्वाचन अधिकारियों ने कहा कि फारूक को 47,926 मत मिले थे, जबकि खान के पक्ष में 37,369 मत पड़े। नोटा के पक्ष में 714 मत पड़े। उपचुनाव में कुल 89,865 लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
मतदान बीते नौ अप्रैल को हुआ था, जबकि मतगणना शनिवार सुबह आठ बजे शुरू हुई। मतदान के दौरान केवल सात फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
फारुक अबदुल्ला ने फिर किया पत्थरबाजों का समर्थन मतदान के दौरान हुई हिंसा के बाद 38 मतदान केंद्रों पर 13 अप्रैल को पुनर्मतदान का आदेश दिया गया था, जिस दौरान मात्र दो फीसदी ही मतदान हुआ। हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी।
कुल नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला तथा नजीर अहमद खान के बीच था। अलगाववादियों ने इस चुनाव के बहिष्कार का आह्वान किया था।
अलगाववादियों के समर्थन में बोले फारूक अब्दुल्ला, कहा – बंदूक की गोलियों से कुछ हासिल नहीं होगा ध्यान हो कि यह सीट पीडीपी के नेता तारिक हमीद कारा के इस्तीफे के कारण रिक्त हुई थी। जो कि कारा राज्य में पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन के विरोध में अपनी पार्टी और लोकसभा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
शम्मी कपूर के गाने पर जमकर नाचे फारूक अब्दुल्ला, लोगों को खूब पसंद आ रहा है ये वायरल VIDEO गौरतलब है कि इससे पहले राज्य में मतदान के दौरान हुए हिंसा के कारण सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 8 लोगों की मौत हो गयी थी और 100 अन्य घायल हो गए थे। तो वहीं चुनाव आयोग के आदेश के बाद इस सीट के 38 मतदान केन्द्रों पर 13 अप्रैल को हुए पुनर्मतदान में केवल दो प्रतिशत ही मतदान हुआ था।