इन सभी दिक्कतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों तथा प्राधिकृत एजेंटों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रिजर्व बैंक की अधिसूचना के मुताबिक, भारत आए पर्यटकों को विदेशी मुद्रा के बदले में प्रीपेड कार्ड जारी किए जाए, जिनका उपयोग वो यहां भुगतान के लिए कर सकें। साथ ही इस भुगतान के लिए उनका पासपोर्ट को वैध माना जाएगा। लेकिन इससे इस परेशानी को खत्म नहीं माना जा सकता है, क्योंकि पर्यटकों नगदी भुगतान के समय मुसीबतों से रुबरु होना पड़ रहा है।
जेफ और एमिलि ने कहा कि जब वो भारत घूमने निकल रह थे तो उस समय 500 और 1000 रुपए के नोट वैध थे। लेकिन अभी सरकार के फैसले के बाद यह अवैध हो चुका है। अब जबकि हम पुराने नोट दुकानदार को देते हैं तो वो हमसे बदले में 10 से 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त चार्ज लेते हैं। एटीएम पर लंबी लाइन की वजह से वो पैसे नहीं निकाल सकें। अब हालात ऐसी बनी कि, वो ऑटो या आम टैक्सी भी नहीं कर पाएं। इन जैसे पर्यटकों के पास फिलहाल कार्ड भुगतान की सुविधा वाले रेस्टोरेंटों में जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा है।