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Digital Arrest: फर्जी इंटरनेशनल कॉल पर सरकार का कड़ा एक्शन, टेलिकॉम कंपनियों को दिया ये आदेश, यूजर्स को मिलेगी राहत

Fake International Calls: भारतीय नंबर जैसे दिखने वाले इंटरनेशनल कॉल (International Spoofed Calls) कर हो रही ठगी। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट-

नई दिल्लीMay 27, 2024 / 07:55 am

Akash Sharma

Fake international Calls
Digital Arrest: साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर लोगों को ठगा जा रहा है। इसमें कॉल करने वाला जालसाज खुद को पुलिस, सीबीआइ(CBI) या ईडी (ED) जैसी एजेंसियों का अधिकारी बता कर पीडि़त के डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) का दावा करता है और पैसे वसूलता है। अक्सर ऐसे कॉल्स विदेश (International Spoofed Calls) से आते हैं, जिसमें फोन नंबर भारत में इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबर जैसा दिखता है। इस तरह की घोखाधड़ी को रोकने के लिए रविवार को केंद्र सरकार ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करने वाली सभी इनकमिंग अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल्स को प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है। डीओटी और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (TSP) ने ऐसी अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉलों की पहचान करने के लिए एक प्रणाली तैयार की है।


धमकी देकर ग्राहकों को ठगा जा रहा


दूरसंचार विभाग (DoT) ने अपने बयान में कहा, जालसाज भारतीय नागरिकों को भारतीय मोबाइल नंबर दिखाकर अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल कर रहे हैं और साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसमें प्रतीत होता है कि ऐसी कॉलें भारत के भीतर से उत्पन्न हो रही हैं। लेकिन ऐसी कॉल्स विदेश से साइबर अपराधियों की ओर से कॉलिंग लाइन आइडेंटिटी (CLI) में हेरफेर करके की जा रही है। इसके जरिए फर्जी डिजिटल गिरफ्तारियों, फेडएक्स घोटाले, ड्रग्स या कूरियर में नशीले पदार्थों भेजने का आरोप, सरकारी और पुलिस अधिकारी बनकर बात करने, डीओटी या ट्राई अधिकारी बनकर मोबाइल नंबरों को बंद करने जैसी धमकी देकर ग्राहकों को ठगा जा रहा है।


पीडि़तों को डिजिटल गिरफ्तारी से गुजरना पड़ा


गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते डिजिटल गिरफ्तारियों पर एक सलाह जारी की थी। इसमें कहा गया था कि धोखेबाज पुलिस स्टेशनों और सरकारी कार्यालय जैसे दिखने वाले स्टूडियो का इस्तेमाल करते हैं। असली दिखने के लिए वर्दी पहनते हैं। वे पीडि़त को फोन या वीडियो करते हैं और बताते हैं कि पीडि़त ने एक पार्सल भेजा है या उन्हें पार्सल भेजा जाएगा जिसमें अवैध सामान, ड्रग्स, नकली पासपोर्ट जैसा सामान है। कभी-कभी जालसाज यह भी बताते हैं कि पीडि़तों में से कोई करीबी किसी अपराध या दुर्घटना में शामिल पाया गया है और उनकी हिरासत में है। फिर केस में समझौता करने के लिए पैसे की मांग की जाती है। कुछ मामलों में पीडि़तों को डिजिटल गिरफ्तारी से गुजरना पड़ता है। जब तक जालसाजों की मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे वीडियो कॉल जारी रखते हैं।

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