सोरेन के साथ इन 4 लोगों के भी नाम
ईडी ने कहा कि चार अन्य व्यक्तियों भानु प्रताप प्रसाद, बिनोद सिंह, प्रफुल्लित कच्छप और राज कुमार पाहन को भी उक्त संपत्ति के गैरकानूनी अधिग्रहण और कब्जे में हेमंत सोरेन की सहायता करने और बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए शिकायत में आरोपी के रूप में आरोपित किया गया है।
विज्ञप्ति के अनुसार, “पीएमएलए कोर्ट, रांची ने 04.04.2024 को उक्त अभियोजन शिकायत पर संज्ञान लिया है। 31 करोड़ रुपये की उपरोक्त संपत्ति भी ईडी द्वारा अस्थायी रूप से संलग्न की गई है।” ईडी ने सरकारी अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर भूमि घोटाले के मामलों में मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की।
ईडी ने अदालत से 8.86 एकड़ के भूखंड को जब्त करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। जनवरी में ईडी ने यहां सोरेन को इस मामले में उनके सरकारी निवास पर पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार की बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में हैं। धनशोधन की यह जांच जमीन ‘घोटाले’ में झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकियों पर आधारित है। सरकारी अधिकारियों समेत कई लोगों के खिलाफ इस ‘घोटाले’ का आरोप है। ईडी ने एक बयान में कहा कि इस मामले में मुख्य आरोपी झारखंड के राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी एवं सरकारी रिकॉर्ड संरक्षक प्रसाद हैं। प्रसाद पर आरोप है कि अपने पद का ‘दुरूपयोग करते हुए’ उन्होंने सोरेन समेत कई लोगों को अपराध की कमाई करने तथा जमीन पर अवैध कब्जे, अधिग्रहण आदि जैसी गतिविधियों में उनकी मदद की। उसने दावा किया, ‘‘ भूमाफिया का एक गिरोह झारखंड में सक्रिय है जो रांची में भू-रिकॉर्ड में जालसाजी करता है।’’ उसने कहा कि जांच में पाया गया है कि जमीन के स्वामित्व रिकॉर्ड में भी ‘छेड़छाड़’ की गयी ताकि कथित भूमाफिया को फायदा मिले तथा उस जाली भू-रिकॉर्ड के आधार पर ऐसे भूखंडों को अन्य व्यक्तियों को बेचा जाए। ईडी ने कहा, ‘‘ स्वामित्व के असली भू-रिकॉर्ड के साथ या तो छेड़छाड़ की गयी या उन्हें छिपा दिय गया ताकि ऐसी संपत्तियों का अवैध अधिग्रहण, उनपर कब्जा और उनका इस्तेमाल किया जा सके।’’ जिस भूखंड को सोरेन द्वारा अधिग्रहीत करने का आरोप है वह करीब 8.86 एकड़ जमीन है और रांची में बरियातू रोड पर बारागैन अंचल में है। ‘पीटीआई-भाषा’ के पास उपलब्ध ईडी के आरोप-पत्र की प्रति के अनुसार 3,50,680 रुपये प्रति डेसीमल की शहरी रिहायशी दर के हिसाब से यह भूखंड 31,07,02,480 रुपये की है। एजेंसी ने कहा कि यह अचल संपत्ति सोरेने के ‘कब्जे में’ 2020-11 से है।