किसी ने दुख नहीं व्यक्त किया जब 60 लोग जिंदा जला दिए गए
इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि फायरिंग में केवल मुसलमान मारे गए इन आरोपों को भी कोर्ट ने नकार दिया है।
दरअसल, फायरिंग में मुसलमान नहीं मारे गए लेकिन दंगों में तो मारे गए? इस सवाल पर अमित शाह ने कहा, “जिस तरह से 60 लोगों को जिंदा जला दिया था उसका समाज में आक्रोश था। भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर, जब तक दंगे नहीं हुए तब तक किसी ने इसकी आलोचना भी नहीं की। उस दिन संसद चल रही थी कांग्रेस पार्टी का एक भी बयान सामने नहीं आया था। किसी ने दुख भी व्यक्त नहीं किया। 60 लोगों को जिंदा जलाने की घटना की अप भर्त्सना भी नहीं करोगे? निंदा भी नहीं करोगे? इस तरह की घटिया राजनीति करोगे।”
इंटरव्यू के दौरान अमित शाह ने कहा कि फायरिंग में केवल मुसलमान मारे गए इन आरोपों को भी कोर्ट ने नकार दिया है।
दरअसल, फायरिंग में मुसलमान नहीं मारे गए लेकिन दंगों में तो मारे गए? इस सवाल पर अमित शाह ने कहा, “जिस तरह से 60 लोगों को जिंदा जला दिया था उसका समाज में आक्रोश था। भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर, जब तक दंगे नहीं हुए तब तक किसी ने इसकी आलोचना भी नहीं की। उस दिन संसद चल रही थी कांग्रेस पार्टी का एक भी बयान सामने नहीं आया था। किसी ने दुख भी व्यक्त नहीं किया। 60 लोगों को जिंदा जलाने की घटना की अप भर्त्सना भी नहीं करोगे? निंदा भी नहीं करोगे? इस तरह की घटिया राजनीति करोगे।”
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पीड़ितों के Affidavit खुद NGO ने साइन कियेअमित शाह ने आगे कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कह दिया जाकिया जाफरी किसी और के निर्देशन पर काम करती थी। कई सरए पीड़ितों का Affidavit एनजीओ ने साइन कर दिया और पीड़ितों को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी। सुनियोजित तरीके से कई आरोप गढ़े गए लेकिन क्या हुआ सच्चाई की जीत हुई।”
दंगों पर राजनीति करना हमारा काम नहीं
अमित शाह ने कहा, “दंगे तो यूपी में भी हुए और दिल्ली में भी लेकिन हमने कभी लेवल नहीं लगाया जैसा कि विपक्ष ने हमेशा किया। हम राजनीति के लिए दंगों का इस्तेमाल किया ही नहीं जाना चाहिए।”
अमित शाह ने कहा कि ‘दो तिहाई बहुमत से जीतना, GST लागू करना इतिहास है लेकिन गुजरात दंगों की लंबी लड़ाई जीतना इतिहास नहीं बल्कि संदेश है कि झूठ के खिलाफ लड़ना बहुत आवश्यक है।’
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