दरअसल तेजस्वी देश की एकमात्र महिला पायलट हैं, जो एसयू-30 विमानों की हथियार प्रणाली का संचालन करने में माहिल हैं।
यह भी पढ़ें – 30 सिंतबर को विदा हो जाएगा विंग कमांडर का मिग 21 वाला दास्ता चीन की सरहद पर अपनी ताकत का दम दिखाने वाली तेजस्वी ने इस मौके पर उन्होंने कहा कि इससे पहले भी जांबाज महिलाएं रही हैं, जिन्होंने हमारे सपनों को पूरा करने का रास्ता साफ किया है।
सेना में महिला-पुरुष दोनों को समान ट्रेनिंग
देश के पूर्वी क्षेत्र में हमारे जांबाज पायलट किसी भी हरकत का जवाब देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वायुसेना में महिलाओं और पुरुषों के लिए एक जैसी ट्रेनिंग दी जाती है। किसी में अंतर नहीं किया जाता है।
दोनों ही कड़े अभ्यास और तैयारियों से गुजरते हुए देश की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं। उन्होंने कहा कि, हम हमेशा किसी भी तरह के कार्यों और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
इस मौके पर फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रेय वाजपेयी ने कहा कि वायुसेना असम समेत देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी अभ्यास उड़ानों का संचालन करती है।
वाजपेयी ने बताया कि उड़ान भरने के लिए असम को ही क्यों चुना गया। उन्होंने बताया कि, असम और उत्तर पूर्व के अन्य दुर्गम इलाकों में उड़ान भरने में अलग-अलग चुनौतियां होती हैं। उत्तरपूर्वी हिस्से में उड़ान भरने के लिए इलाके और मौसम की बड़ी चुनौतियां हैं। ऐसे में यहां पर उड़ान भरकर कड़ी चुनौतियों का सामना किया जाता है।
वायुसेना के एएलएच मार्क-3 हेलीकॉप्टरों की फ्लाइट लेफ्टिनेंट एनी अवस्थी और ए नैन भी असम और अरुणाचल प्रदेश के विभिन्न सेक्टरों में बड़े पैमाने पर उड़ान भरीं। चीन से विवाद के बीच बड़ा कदम
चीन से सीमा पर चल रहे विवाद के बीच वायुसेना के इस कदम को बड़ा कदम बताया जा रहा है। एसयू-30 यानी सुखोई लड़ाकू विमानों को तेजपुर में तैनात किया गया है।
खास बात यह है कि, इन विमानों को नए हथियारों और इलेक्ट्रॉनिक वार प्रणालियों से लैस करते हुए और घातक बना दिया गया है।
यह भी पढ़ें – Air Force ट्रेनिंग कंप्लीट किए हुए नहीं हुआ था अभी एक महीना, 22 साल के जवान ने की खुदकुशी