दरअसल, राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन के लिए यशवंत सिन्हा असम के दौरे पर हैं। यहाँ गुवाहाटी में विपक्षी सांसदों से बातचीत के दौरान उन्होंने आश्वस्त किया कि वो राष्ट्रपति बनने के बाद CAA को लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, “नागरिकता असम के लिए एक बड़ा मुद्दा है, और सरकार देश भर में अधिनियम लाना चाहती थी, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं कर पाई है।”
उन्होंने आगे कहा, “पहले, सरकार ने COVID का बहाना दिया, लेकिन कोरोना के बाद भी वो इसे लागू नहीं पाई है क्योंकि ये जल्दबाजी में मूर्खतापूर्ण तरीके से तैयार किया गया ड्राफ्ट है।” इसके बाद उन्होंने कहा कि ‘यदि मैं राष्ट्रपति भवन में पहुंचता हूँ तो ये सुनिश्चित करूंगा कि CAA लागू न हो।’
बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। यशवंत सिन्हा विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार हैं तो वहीं NDA ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। विपक्षी दल यशवंत सिन्हा के नाम पर एकजुट दिखाई नहीं दे रहे। अब शिवसेना ने भी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला कर यशवंत सिन्हा को बड़ा झटका दिया है। ऐसे में यशवंत सिन्हा देशभर के राज्यों का दौरा कर अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं।