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भारत के हाइपरसोनिक हथियार से पल भर में भस्म होगा दुश्मन, डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

अमरीकी सीआरएस की रिपोर्ट: ध्वनि से 13 गुना तेज होगी गति, रिपोर्ट में ब्रह्मोस-2 मिसाइल का जिक्र।डीआरडीओ ने किया ‘अभ्यास’ का सफल परीक्षण।एंटी डिफेंस मिसाइल सिस्टम से रोकना मुश्किल राडार की पकड़ में भी नहीं आती हाइपरसोनिक ।

Oct 23, 2021 / 03:14 pm

विकास गुप्ता

भारत के हाइपरसोनिक हथियार से पल भर में भस्म होगा दुश्मन, डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

भारत के हाइपरसोनिक हथियार से पल भर में भस्म होगा दुश्मन, डीआरडीओ ने किया सफल परीक्षण

नई दिल्ली। भारत भी ध्वनि से 13 गुना तेज वार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहा है। पलक झपकते ही यह सीमा पार दुश्मन देशों के ठिकानों को भेदने में सक्षम है। इसकी गति 16052.4 किलोमीटर प्रति घंटा है। इससे भारत अब ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। रूस के सहयोग से भारत हाइपरसोनिक तकनीकी विकसित कर रहा है। यह दावा अमरीकी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की जारी रिपोर्ट में किया गया है। हाइपरसोनिक कू्रज मिसाइल विकसित कर रहा… अमरीकी रिपोर्ट में ब्रह्मोस मिसाइल का जिक्र किया गया है। बताया गया है कि रूस के साथ मिलकर भारत ब्रह्मोस-2 को विकसित करने में जुटा है। यह मिसाइल मैक 7 की स्पीड वाली हाइपरसोनिक कू्रज मिसाइल है।

13 मैक का क्या है अर्थ … रिपोर्ट के अनुसार में भारत दोगुनी क्षमता वाली हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल को हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉनस्ट्रेटर वीकल प्रोग्राम के तहत विकसित कर रहा है। जून 2019 व सितंबर 2020 में इसका सफलतापूर्वक मैक 6 की स्पीड से स्कैमजेट टेस्ट किया गया था। भारत करीब 12 हाइपरसोनिक विंड टनल्स को संचालित कर रहा है। उसके पास मैक 13 से ज्यादा की स्पीड को परीक्षण की की क्षमता है। गौरतलब है कि मैक 13 स्पीड का अर्थ 16052.4 किलोमीटर प्रति घंटे की क्षमता से हमला करने वाली मिसाइल से है।

चीन के बाद अमरीका ने किया परीक्षण… अमरीका, रूस व चीन पहले से अत्याधुनिक हाइपरसोनिक हथियारों को विकसित करने में पहले से जुटे हैं। चीन के बाद अमरीका ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। अमरीकी नौसेना की रिपोर्ट के अनुसार वर्जीनिया के वॉलॉप्स में नासा की देखरेख में यह परीक्षण किया गया है। इससे पहले चीन ने परीक्षण किया था लेकिन निशाना चूकने की बात सामने आई थी। इससे अमरीकी खुफिया एजेंसियां भी हैरान रह गई थी, हालांकि चीन ने सफाई दी थी कि वह एक स्पेसक्राफ्ट था।

खासियत…
हाइपरसोनिक मिसाइल की तेज गति, अचूक निशाना ।
एंटी बैलेस्टिक मिसाइल से मारक क्षमता दोगुनी ।
आसमान में दुश्मन का पता लगाने में सक्षम ।
लक्ष्य को सेकंडों में भेदने में शत—प्रतिशत सफल ।

पलक झपकते वार –
मैक-5 मिसाइलें ध्वनि की गति से पांच गुना तेज 6,174 किमी/घंटा
मैक 13 मिसाइलें ध्वनि की गति से 13 गुना तेज 16052 किमी/घंटा

चीन-अमरीका में होड़-
2019 में चीन हाइपरसोनिक मिसाइल डीएफ-17 का परीक्षण कर चुका
2025 तक हाइपरसोनिक हथियारों को अमरीका तैनात कर सकता

4 साल बाद ब्रह्मोस-2-
पहले भारत ने वर्ष 2017 में ब्रह्मोस-2 मिसाइल को तैनात करने की तैयारी की थी लेकिन किन्हीं कारणों से प्रोग्राम को टाल दिया। वर्ष 2025 से 2028 के बीच इस मिसाइल को ऑपरेशनल कर तैनात किया जाएगा।

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