इसके अलावा, एयरक्राफ्ट के उपयोग को बढ़ाने के लिए कंपनी पायलटों के लिए एक वर्क पैटर्न लेकर आ रही है जिससे वो अधिक कमाई भी कर सकेंगे लेकिन छुट्टियाँ कम होंगी। इसके अलावा एयरलाइन ने कंपनी ने 31 जुलाई से पायलटों के लिए लेओवर और डेडहेड भत्ते भी बहाल कर दिए हैं। कंपनी ने जुलाई के लिए औसतन 1550 उड़ानों का बजट रखा है है और ये अपने एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल 13 घंटों के लिए करती है।
मास सिक लीव से डरी इंडिगो?
ये बड़ा फैसला इंडिगो की तरफ से तब सामने आ रहा है जब 2 जुलाई को कंपनी के अधिकतर कर्मचारी सिक लीव लेकर एयर इंडिया में इंटरव्यू के लिए चले गए थे। इससे इंडिगो की 55 फीसदी उड़ाने प्रभावित हुई थीं। इस मास सिक लीव के पीछे का कारण कर्मचारियों की कंपनी से नाराजगी को बताया गया जो सैलरी में की गई कटौती से खुश नहीं हैं।
इंडिगो के आधे से अधिक स्टाफ हुए गायब, 55% उड़ानों में हुई देरी
सैलरी में कटौती से नाराज चल रहे कर्मचारीपिछले कुछ महीनों में इंडिगो के कर्मचारियों में कोरोना के कारण सैलरी में की गई कटौती को लेकर नाराजगी बढ़ी है। इसको लेकर अप्रैल में कुछ कर्मचारियों ने विरोध की योजना भी बनाई थी, लेकिन उससे पहले ही कंपनी ने 4 पायलटो को सस्पेंड कर दिया था। सैलरी न बढ़ने से नाराज पायलट और क्रू मेम्बर्स दूसरी एयरलाइन कंपनी में नौकरी के अवसर तलाश रहे हैं।
बता दें कि इंडिगो ने मई 2020 में अपने पायलटों के वेतन में 40 फीसदी की कटौती की थी। इसी वर्ष अप्रैल में वेतन में बढ़ोतरी कर उसी कटौती की आंशिक भरपाई की थी। अब एक बार फिर से सैलरी में बढ़ोतरी 16 फीसदी तक हो गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस वृद्धि से अब कर्मचारियों की नाराजगी थोड़ी कम होगी।