दरअसल एसीबी ने जम्मू-कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन (JKFA) के अधिकारियों के खिलाफ यह केस दर्ज किया है। आरोप है कि फुटबॉल एसोसिएशन के अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर स्पोर्ट्स काउंसिल से मिले 45 लाख रुपए का दुरुपयोग किया। एसीबी अधिकारियों के अनुसार जेकेएफए के पूर्व अध्यक्ष जमीर अहमद ठाकुर, कोषाध्यक्ष एस एस बंटी, मुख्य कार्यकारी एस ए हमीद, जिला अध्यक्ष जेकेएफए फैयाज अहमद, और अन्य सहित जम्मू-कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन के सदस्यों ने फर्जी और मनगढ़ंत बिल तैयार कर पैसे निकाले।
किसी भी टीम को खाने में नहीं दिया गया बिरयानी-
मिली जानकारी के अनुसार जम्मू-कश्मीर में खेलो इंडिया और मुफ्ती मेमोरियल गोल्ड कप जैसे टूर्नामेंट के फुटबॉल मैच के आयोजन के लिए पैसा दिया गया था। फुटबॉल संघ के अधिकारियों ने इस मैचों के आयोजन के दौरान जिले की टीम को खाने में बिरयानी देने के नाम पर मुगल दरबार, पोलो व्यू श्रीनगर जैसे रेस्टोरेंट को 43,06,500 रुपए दिए। लेकिन जांच में पता चला कि पूरे कश्मीर में किसी भी जिले में किसी भी टीम को खाने के लिए बिरयानी नहीं दी गई।
सोपोर के एक आदमी की शिकायत पर शुरू हुई थी जांच-
मामला सामने आने के बाद एसीबी ने जेके पीसी अधिनियम 2006 की धारा 5(2) और धारा 465, 467, 468, 471 की धारा 5(1)(सी), 5(1)(डी) 30/22 के तहत एफआईआर दर्ज की है। एसीबी के अधिकारियों के अनुसार सोपोर के मुश्ताक अहमद भट द्वारा एक शिकायत दर्ज कराने के बाद ब्यूरो द्वारा जांच की गई। इस शिकायत में आरोप था कि जम्मू-कश्मीर खेल परिषद और अन्य सरकारी और अर्ध-सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए धन में घोटाला किया गया है। जिसकी जांच की जानी बाकी है।
सभी बिलों पर एक ही शख्स की लिखावट मिली-
जांच में पता चला कि सभी बिलों में एक ही शख्स की लिखावट है। इस तरह ये सब बिल जाली साबित हुए। एसीबी अफसरों के मुताबिक जेकेएफए के पूर्व अध्यक्ष जमीर अहमद ठाकुर, कोषाध्यक्ष एसएस बंटी, मुख्य कार्यकारी एस ए हमीद, जिला अध्यक्ष जेकेएफए फैयाज अहमद और कई अन्यों समेत जम्मू-कश्मीर फुटबॉल एसोसिएशन के सदस्यों पर फर्जी बिल तैयार कर सरकारी पैसे के गबन का मामला दर्ज किया गया है।