भजनलाल शर्मा, भाजपा, राजस्थान, आयु-57 वर्ष
कब बने सीएम: 15 दिसम्बर, 2023 को। पहली बार विधायक बने।
कार्यकाल: 3 माह सात दिन
पिछला प्रदर्शन: पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा राज्य की सभी 25 सीटें जीत रही है।
चुनौती: इस बार भी सभी सीटें जीतना।
मोहन यादव, भाजपा, मध्यप्रदेश, आयु: 59 वर्ष
कब बने सीएम: 13 दिसम्बर, 2023 को, तीसरी बार विधायक। मंत्री भी रहे।
कार्यकाल: 3 माह सात दिन
पिछला प्रदर्शन: 2014 में 29 में से 27 और 2019 में 28 सीटें भाजपा के खाते में गईं।
चुनौती: पिछले प्रदर्शन को बरकार रखना।
विष्णुदेव साय, भाजपा, छत्तीसगढ़, आयु: 60 वर्ष
कब बने सीएम: 13 दिसम्बर, 2023 को, चार बार लोकसभा सांसद और दो बार विधायक रहे।
कार्यकाल: 3 माह सात दिन
पिछला प्रदर्शन: 2014 में राज्य की 11 सीटों में से 10 और 2019 में 9 सीटें भाजपा की झोली में गईं थी। चुनौती: दो चुनावों की सफलता दोहराना।
नायब सिंह सैनी, भाजपा, हरियाणा, आयु 54 वर्ष
कब बने सीएम: 12 मार्च, 2024 को। सांसद और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का भी अनुभव।
कार्यकाल: 18 दिन
पिछला प्रदर्शन: भाजपा ने 2019 में राज्य की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी।
चुनौती: कुर्सी संभालने के चार दिन बाद ही चुनाव का ऐलान। पिछले प्रदर्शन को छूने की चुनौती।
चंपई सोरेन, झामुमो, झारखंड, आयु-67 वर्ष
कब बने सीएम: 2 फरवरी, 2024 को, पहले मंत्री भी रहे।
कार्यकाल: 1 माह 28 दिन
पिछला प्रदर्शन: 2014 और 2019 के चुनाव में पार्टी को 14 में से दो-दो सीटें मिली।
चुनौती: पार्टी नेता हेमंत सोरेन जेल में। चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की चुनौती।
रेवंत रेड्डी, कांग्रेस, तेलंगाना, आयु-54 वर्ष
कब बने सीएम: 7 दिसम्बर, 2023 को। पहले विधायक रहे हैं।
कार्यकाल: 3 माह 23 दिन
पिछला प्रदर्शन: लोकसभा चुनाव में तेलंगाना में कांग्रेस को 17 में से सिर्फ तीन सीटें ही मिली।
चुनौती: राज्य में कांग्रेस को अच्छी सीटें दिलाना।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री का पद संभाले सुखविंदर सिंह सुक्खू को डेढ़ साल और पंजाब में भगवंत मान को सीएम बने दो साल हो चुके हैं लेकिन उनके नेतृत्व में लोकसभा चुनाव पहली बार लड़े जाएंगे। लोकसभा चुनाव-2019 में मान की आम आदमी पार्टी (आप) को पंजाब में केवल संगरूर सीट से जीत मिली थी जहां से खुद मान सांसद चुने गए थे।
बाद में विधानसभा चुनाव में आप को बड़ी सफलता मिली और मान ने सीएम की कुर्सी संभाली। अब मान के सामने आप को लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव जैसी सफलता दिलाने की चुनौती है। हिमाचल में असंतुष्ट गतिविधियों का सामना कर रहे सीएम सुक्खू के लिए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सीटें दिलाने की बड़ी चुनौती है। पिछले दो चुनाव से प्रदेश में कांग्रेस का खाता नहीं खुला है।