इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि दो साल में मामले की सुनवाई पूरी की जाए। रायबरेली से लखनऊ केस ट्रांसफर कर दिया गया है। जहां तक सुनवाई रायबरेली में हो गई थी, उससे आगे की सुनवाई वहां होगी।
मामले से जुड़े जजों के तबादले पर रोक लगा दी गई है। सीबीआई को आदेश दिया है कि इस मामले में रोज उनका वकील कोर्ट में मौजूद रहेगा।
दो साल में पूरी हो सकती है सुनवाई
गौरतलब है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा। कोर्ट ने कहा कि जब सिंह राज्यपाल के पद से हटेंगे तब उन पर केस चल सकता है।
इससे पूर्व 6 अप्रैल के आदेश को सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम इस मामले में इंसाफ करना चाहते हैं। महज टेक्निकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दे सकती और उनके खिलाफ साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। हम डे टू डे सुनवाई कर दो साल में सुनवाई पूरी कर सकते हैं।
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दोबारा ट्रायल पर आपत्ति
वहीं आडवाणी की ओर से दोबारा ट्रायल पर आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना होगा, जो काफी मुश्किल है।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इन नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलाए जाने की मांग की थी। साथ ही साजिश की धारा हटाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के फैसले को रद्द किया जाना चाहिए।
सीबीआई ने की थी ये मांग
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आडवाणी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए।
सीबीआई ने कहा था कि रायबरेली के कोर्ट में चल रहे मामले का भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट के साथ ज्वाइंट ट्रायल होना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द किया जाए।
दरअसल आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और बीजेपी, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इससे संबंधित अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया है।
हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दी थी। पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उसकी नीति निर्धारण प्रक्रिया किसी से भी प्रभावित नहीं होती और वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाने की कार्रवाई उसके कहने पर नहीं हुई।