कांग्रेस को दिखाया आईना
इंडिया गठबंधन की कमांडर पार्टी कांग्रेस को लालू यादव ने टका-सा जवाब दे दिया। पहले चरण में जिन चार सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें से कांग्रेस की परंपरागत सीट औरंगाबाद से आरजेडी ने जदयू छोड़कर आए अभय कुशवाहा को उम्मीदवार बना दिया। मतलब साफ है कि यह कांग्रेस पर झपट्टा है। इसी तरह नवादा में एनडीए के जातीय कुनबे में सेंधमारी के लिए श्रवण कुशवाहा को खड़ा कर दिया है।
वामदलों को भी झटका
वामदलों में सीपीआई और सीपीआई एमएल का प्रभाव है। सीपीआई एमएल जहानाबाद, सिवान, काराकाट, गया, आरा जैसी सीटें चाहती हैं। लेकिन लालू उसे सिर्फ दो सीटें देना चाहते हैं। गया में जीतन राम मांझी के खिलाफ अपनी पार्टी के कुमार सर्वजीत को सिम्बल देकर मैदान में उतार दिया। आखिरी चरण में जहानाबाद सीट पर हो रहे चुनाव के लिए पूर्व मंत्री सुरेंद्र यादव की उम्मीदवारी अभी से तय कर दी। सिवान में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को टिकट नहीं दिया जा रहा। संभवत: यह सीट सीपीआई एमएल को दे दी जाए।
सीमांचल में स्थिति बिगड़ने की आशंका
सीमांचल में दूसरे चरण में पांच सीटों पर चुनाव है और उनमें किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया मुस्लिम-यादव बहुल आबादी वाले क्षेत्र हैं। ये कांग्रेस की परंपरागत सीटें हैं। भागलपुर और बांका पर आरजेडी की दावेदारी बनती है। कांग्रेस की संभावनाएं सीमांचल में ही अधिक हैं। पूर्णिया में पप्पू यादव पर कांग्रेस दांव खेल सकती है।
लालू की ही बिसातें, बाकी सब प्यादे
इंडिया गठबंधन बिहार में लालू यादव की परिक्रमा भर रह गया है। तीसरे व चौथे चरण में पूर्वी बिहार और मिथिलांचल की पांच-पांच यानी कुल दस सीटों पर चुनाव होंगे। कांग्रेस चौथे चरण में बेगूसराय सीट के लिए अड़ी है। मुंगेर में जदयू के ललन सिंह के मुकाबले कुख्यात अशोक महतो नवोढ़ा पत्नी को मैदान में उतारने की कोशिश में हैं।