उद्धव को सीधे खरी खरी सुना रहे बागी विधायक यही नहीं , अब गुवाहटी में मौजूद विधायक भी खुलकर शिवसेना अध्यक्ष पर आरोप लगा रहे हैं कि उनकी एक नहीं सुनी जा रही थी और उनको मिलने के लिए उद्धव द्वारा समय नहीं दिया जाता था। शिवसेना के बागी विधायक संजय शिरसातो ने एएनआई से कहा है कि – यदि मुख्यमंत्री शिवसेना के किसी विधायक के निर्वाचन क्षेत्र को देखें तो तहसीलदार से लेकर राजस्व अधिकारी तक विधायक के परामर्श से कोई अधिकारी नियुक्त नहीं किया जाता है। यह बात हमने उद्धव जी को कई बार बताई लेकिन उन्होंने कभी इसका जवाब नहीं दिया।
विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को एक चिट्ठी भेजी इस तरह, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray ) की सरकार पर संकट और गहराता जा रहा है। गुवाहाटी डेरा डाले बागी विधायकों ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को अपना नेता चुन लिया है। इन विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को एक चिट्ठी भेजी है जिसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता होंगे। साथ ही इस चिट्ठी में 37 विधायकों के दस्तखत भी हैं। शिवसेना के ये सभी बागी विधायक शिंदे के साथ गुवाहाटी के एक होटल में डेरा डाले हुए हैं। चिट्ठी में यह भी जानकारी दी गई है कि सुनील प्रभु के स्थान पर शिवसेना विधायक भरत गोगावले को विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है।
आप किसे धमकी दे रहे-शिंदे इस बीच, शिंदे ने सुनील प्रभु द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के लिए अपने गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी पलटवार करते हुए दावा किया कि व्हिप केवल विधायी कार्यों के लिए लागू होता है। शिंदे ने ट्वीट किया, ‘आप किसे धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपकी चालबाजियों को जानते हैं और कानून को भी समझते हैं। संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू होता है न कि किसी बैठक के लिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके बजाय आपके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं क्योंकि आपके पास (विधायकों की) पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन फिर भी आपने 12 विधायकों का एक समूह बनाया है। हमें इस तरह की धमकियों से फर्क नहीं पड़ता।’
एमवीए सरकार का फैसला विधानसभा में होगा-शरद पवार उधर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा और शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन विश्वास मत में बहुमत साबित करेगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा। उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे। बता दें, इसको पवार की विधायकों की धमकी के रूप में देखा जा रहा है। संजय राउत ने भी मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि – ‘आने दो हमारे विधायक फ्लोर हाऊस पर फिर देख लेंगे। देखो ये जो विधायक चले गए हैं, इन्हें महाराष्ट्र में आना घूमना बहुत मुश्किल होगा।’ जबकि राउत से पूछा गया था कि क्या उद्धव ठाकरे ही सीएम रहेंगे? इसपर संजय राउत ने ये जवाब दिया है। इस बयान पर संजय राउत घिरे नजर आ रहे हैं।
पवार ने किया आरोपों का खंडन पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए धन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि वित्त मंत्रालय राकांपा के अजीत पवार द्वारा नियंत्रित है और उन्होंने उनके साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा, ‘ये सब (महज) बहाने हैं, इनमें से कुछ विधायक केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच का सामना कर रहे हैं।’
सुनील प्रभु की जगह भरत गोगावले विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त गुवाहाटी के लग्जरी होटल में डेरा जमाए शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने अपने हस्ताक्षर वाला एक पत्र विधानसभा उपाध्यक्ष को भेजा। जिसमें एकनाथ शिंदे को सदन में अपना नेता घोषित करने के अलावा शिवसेना विधायक भरत गोगावले को सुनील प्रभु की जगह पर विधायक दल का मुख्य सचेतक शिंदे गुट द्वारा नियुक्त किया गया है। इसी बीच शिवसेना के बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे सुनील प्रभु पर पलटवार करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा है कि बैठक में शामिल नहीं होने पर व्हिप लागू नहीं किया जा सकता है। उनका कहना है कि व्हिप केवल विधायी कार्यों के लिए लागू होता है।
किसी की धमकी से नहीं डरेंगे: एकनाथ शिंदे एकनाथ शिंदे ने ट्वीट कर कहा है कि वह किसी की धमकी से डरने वाले नहीं हैं।उनका कहना है कि वह कानून और सुनील प्रभु की चालबाजियों को अच्छे से समझते हैं।शिंदे का कहना है कि संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू किया जाता है किसी बैठक के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
बता दें गुरुवार को महाराष्ट्र(Maharashtra) के पांच और विधायक एकनाथ शिंदे(Eknath Shinde) के गुट में शामिल हो गए हैं। जिसमें शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक दादाजी भुसे (Dadaji Bhuse), विधायक संजय राठौड़ (Sanjay Rathod), एमएलसी रवींद्र फाटक (Ravindra Phatak), निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार (Kishor Jorgewar) और गीता जैन (Geeta Jain) शामिल रहे। फिलहाल अब शिंदे के पास कुल विधायकों की संख्या 46 हो गई है।जिसमें से 37 शिवसेना के हैं और 9 विधायक निर्दलीय हैं।