गृह मंत्री शाह के दौरे का भी नहीं हुआ कोई असर
बता दें कि, मणिपुर में फैली भयंकर हिंसा के बाद स्थिति की जाएजा लेने गृहमंत्री शाह चार दिन की मणिपुर दौरे पर आए थे। इस दौरान इन्होने सभी समुदाय के लोगों से बात की और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की तथा सभी मसले को बातचीत के माध्यम से हल करने पर जोर दिया। लेकिन उनके जाने के मात्र दो दिन बाद फिर से राजधानी इम्फाल में हालात बेकाबू हो रहा है।
उनके अपील का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। यह एक प्रकार का कम्प्लीट प्रशासन फेलियोर है। बीरेन सरकार इस मसले पर हर तरह से मजबूर दिख रही है।इसके दो कारण हो सकते हैं- पहला कि इन्हें स्थिति को काबू करने के लिए जैसा फ्री हैण्ड चाहिए वैसा केंद्र की ओर से नहीं दिया जा रहा है। दूसरी प्रशासन पर इनका इतना कंट्रोल नहीं है जितना होना चाहिए।
पुलिस को सौंपी गई राइफल और ग्रेनेड
बता दें कि अमित शाह की अपील के बाद मणिपुर में अलग-अलग जगहों पर लोगों ने 140 हथियार पुलिस को सौंपे हैं। सरेंडर किए गए 140 हथियारों में SLR 29, कार्बाइन, AK, इंसास राइफल, इंसास LMG, Point 303 राइफल, 9 MM पिस्टल, प्वाइंट 32 पिस्टल, M16 राइफल, स्मोक गन और आंसू गैस, स्थानीय निर्मित पिस्तौल, स्टेन गन, राइफल, ग्रेनेड लांचर और JVP शामिल हैं।
बदले गए राज्य के DGP
मणिपुर हिंसा को काबू करने में असफल रहे डीजीपी पी डोंगल की जगह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी राजीव सिंह को मणिपुर का नया पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। आधिकारिक आदेश के अनुसार, त्रिपुरा कैडर के 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह को तीन साल के लिए अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति पर मणिपुर भेजा गया है।
राजीव सिंह वर्तमान में CRPF के IG के तौर पर सेवांए दे रहे हैं। होम मिनिस्ट्री के आदेश में कहा गया है, CRPF के आईजी राजीव सिंह को पांच दिन पहले ही मणिपुर कैडर में ट्रान्सफर किया गया है। आईपीएस राजीव सिंह मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं और त्रिपुरा कैडर के अधिकारी हैं। यह फैसला भी उसी वक्त लिया गया जब गृहमंत्री अमित शाह हिंसाग्रस्त मणिपुर के दौरे पर थे।