script38 साल बाद शहीद लांसनायक चंद्रशेखर का मिला शव, सियाचिन ग्लेशियर की बर्फ में दबकर हो गए थे शहीद | Martyr's body found in Siachen after 38 years, 19 soldiers were buried in 1984 | Patrika News
नई दिल्ली

38 साल बाद शहीद लांसनायक चंद्रशेखर का मिला शव, सियाचिन ग्लेशियर की बर्फ में दबकर हो गए थे शहीद

सियाचिन ग्लेशियर में हिमस्खलन से शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर का शव 38 साल बाद मिला है। हिमस्खलन की चपेट में कई सैनिकों का पार्थिव शरीर उसी दौरान सेना के जवानों ने ढूंढ लिया था लेकिन लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला समेत एक और सैनिक लापता हो गए थे।

नई दिल्लीAug 14, 2022 / 10:08 pm

Archana Keshri

Martyr's body found in Siachen after 38 years, 19 soldiers were buried in 1984

Martyr’s body found in Siachen after 38 years, 19 soldiers were buried in 1984

सियाचिन के ग्लेशियर पर रहना बेहद मुश्किल और जानलेवा है। वहीं मई 1984 को बटालियन लीडर लेफ्टिनेंट पीएस पुंडीर के नेतृत्व में 19 जवानों का दल ऑपरेशन मेघदूत के लिए निकला था। 29 मई को भारी हिमस्खलन से पूरी बटालियन दब गई थी, जिसके बाद उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया था। इन्ही में से एक जवान का शरीर 38 बाद मिला है। हिमस्खलन में दबकर शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर इतने सालों के बाद मिला।

बताया जा रहा है कि 38 साल बाद ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला (बैच संख्या 5164584) का पार्थिव शरीर 13 अगस्त को एक पुराने बंकर में मिला। एक अधिकारी के अनुसार, “13 अगस्त को सियाचिन में 16,000 फीट से अधिक ऊंचाई पर एक सैनिक का कंकाल मिला था। अवशेषों के साथ सेना के नंबर वाली एक बैच भी मिला, जिससे उनके पार्थिव शरीर का पता लगाया गया।” लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला 19 कुमाऊ रेजीमेंट का पार्थिव शरीर सोमवार या मंगलवार को उनके घर हल्द्वानी पहुंचेगा और उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा।
 


शनिवार रात शहीद की पत्नी शांति देवी को फोन से जानकारी मिली कि शहीद लांसनायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर ग्लेशियर से बरामद हुआ है। इसकी जानकारी सुनकर हर्बोला के परिवार में गम और खुशी दोनों है। शहीद हर्बोला की दो बेटियां हैं। वहीं, शहीद के शव मिलने की सूचना मिलने पर रविवार को SDM मनीष कुमार सिंह और तहसीलदार संजय कुमार के साथ प्रशासन की टीम शहीद के रामपुर रोड स्थित डहरिया सरस्वती विहार पहुंची। एसडीएम ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए परिजनों को ढांढस बधाया।
 


लांसनायक चंद्रशेखर उस टीम का हिस्सा थे, जिसे प्वाइंट 5965 पर कब्जा करने का काम दिया गया था। इस प्वाइंट पर पाकिस्तान की नजर थी। ऑपरेशन मेघदूत के दौरान कई सैनिक हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे। इनमें से कई सैनिकों के पर्थिव शरीर का पता उसी समय लग गया था। लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला और एक सैनिक का शव नहीं पता चला था, जो अब 38 साल बाद मिला।
 


उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रानीखेत तहसील अंतर्गत बिन्ता हाथीखुर गांव निवासी लांसनायक चंद्रशेखर हर्बोला 15 दिसम्बर 1971 में कुमाऊं रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। 29 मई को भारी हिमस्खलन के कारण पूरी बटालियन दब गई थी, जिसके बाद उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया। उस समय लांसनायक चंद्रशेखर की उम्र 28 साल थी।

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