हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने खुद को पक्षकार बनाने की मांग की
दरअसल, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने धर्म संसद मामले में खुद को पक्षकार बनाने का आवेदन किया है और पत्रकार कुर्बान आली की याचिका का भी विरोध किया है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि भारत के हर नागरिक को समान रूप से कानून के संरक्षण का हकदार है और इसलिए किसी भी तरह के नफरत फैलाने वाले बयानों के मामलों का विश्लेषण करते समय बहुमत या अल्पसंख्यक की अवधारणा को पेश नहीं किया जाना चाहिए।
मुस्लिम नेताओं की हो गिरफ़्तारी
हिन्दू सेना और हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के सदस्यों द्वारा आवेदन में कहा गया है कि ' ‘अभद्र भाषा का इस्तेमाल व्यक्तियों द्वारा समाज में अशांति पैदा करने, हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को भड़काने के उद्देश्य से की जाती है।' इस याचिका में आगे ये भी कहा गया है कि 'राज्य सरकारों को असदुद्दीन ओवैसी, तौकीर रजा, साजिद रशीदी, अमानतुल्ला खान, वारिस पठान के खिलाफ हेट स्पीच देने के लिए FIR दर्ज किया जाना चाहिए।'
दरअसल, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने धर्म संसद मामले में खुद को पक्षकार बनाने का आवेदन किया है और पत्रकार कुर्बान आली की याचिका का भी विरोध किया है। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि भारत के हर नागरिक को समान रूप से कानून के संरक्षण का हकदार है और इसलिए किसी भी तरह के नफरत फैलाने वाले बयानों के मामलों का विश्लेषण करते समय बहुमत या अल्पसंख्यक की अवधारणा को पेश नहीं किया जाना चाहिए।
मुस्लिम नेताओं की हो गिरफ़्तारी
हिन्दू सेना और हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के सदस्यों द्वारा आवेदन में कहा गया है कि ' ‘अभद्र भाषा का इस्तेमाल व्यक्तियों द्वारा समाज में अशांति पैदा करने, हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को भड़काने के उद्देश्य से की जाती है।' इस याचिका में आगे ये भी कहा गया है कि 'राज्य सरकारों को असदुद्दीन ओवैसी, तौकीर रजा, साजिद रशीदी, अमानतुल्ला खान, वारिस पठान के खिलाफ हेट स्पीच देने के लिए FIR दर्ज किया जाना चाहिए।'
पत्रकार कुर्बान अली भी घिरे
हिन्दू संगठन की याचिका में ये भी कहा गया है कि 'याचिकाकर्ता पत्रकार क़ुर्बान अली मुस्लिम समुदाय से हैं। उनको हिंदू धर्म संसद से संबंधित मामलों या गतिविधियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज नहीं करानी चाहिए। हिंदुओं के आध्यात्मिक नेताओं को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
ये हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमले के जवाब थे
इसके बाद याचिका में जोर देते हुए कहा गया है कि 'धार्मिक नेताओं के बयान उन हमलों के जवाब थे जो गैर-हिंदू समुदाय के सदस्यों द्वारा हिंदू संस्कृति और सभ्यता पर किए जाते रहे हैं और इस तरह के जवाब "हेट स्पीच" के दायरे में नहीं आएंगे।'
हिन्दू संगठन की याचिका में ये भी कहा गया है कि 'याचिकाकर्ता पत्रकार क़ुर्बान अली मुस्लिम समुदाय से हैं। उनको हिंदू धर्म संसद से संबंधित मामलों या गतिविधियों के खिलाफ आपत्ति दर्ज नहीं करानी चाहिए। हिंदुओं के आध्यात्मिक नेताओं को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
ये हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हमले के जवाब थे
इसके बाद याचिका में जोर देते हुए कहा गया है कि 'धार्मिक नेताओं के बयान उन हमलों के जवाब थे जो गैर-हिंदू समुदाय के सदस्यों द्वारा हिंदू संस्कृति और सभ्यता पर किए जाते रहे हैं और इस तरह के जवाब "हेट स्पीच" के दायरे में नहीं आएंगे।'
क्या है मामला? बता दें कि पिछले हफ्ते उत्तराखंड में पुलिस ने यति नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व में वज़ीम रिज़वी) को धर्म संसद में हेट स्पीच देने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद पत्रकार कुर्बान आली और पटना हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अनजान प्रकाश ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद करत ने 12 जनवरी को केंद्र, दिल्ली पुलिस और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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