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Omicron लेकर आएगा तीसरी लहर, IIT वैज्ञानिकों ने बताया कब दे सकती है दस्तक और कब मिलेगी राहत?

Omicron Variant का खतरा लगातार देश में बढ़ता जा रहा है। 13 से ज्यादा राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक अलर्ट मोड में हैं। इस बीच देश के दो वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगले वर्ष फरवरी में ओमिक्रॉन अपने पीक पर होगा।

नई दिल्लीDec 22, 2021 / 12:19 pm

धीरज शर्मा

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) से जंग के बीच नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ( Omicron Variant ) ने देशभर में खतरा बढ़ा दिया है। कई राज्यों में लगातार ओमिक्रॉन संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक की चिंता बढ़ गई है। इस बीच एक और डराने वाली खबर सामने आई है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच दो वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि देश में अगले साल फरवरी में कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है। वैज्ञानिकों की दावों की माने तो फरवरी 2022 में ओमिक्रॉन वेरिएंट देश में अपने चरम पर होगा और रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा मामले सामने आने की संभावना है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच देश के दो आईआईटी साइंटिस्ट ने अनुमान लगाया है कि कोरोना की तीसरी लहर फरवरी में अपनी पीक पर होगी। ये अनुमान आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल और आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर एम विद्यासागर ने अपने SUTRA मॉडल के आधार पर लगाया है।

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रोजाना डेढ़ लाख से ज्यादा केस आने की संभावना
वैज्ञानिकों ने बताया कि Omciron को लेकर भारत में सबसे ज्यादा खराब स्थिति फरवरी में आने की उम्मीद है। इस दौरान मामलों की संख्या 1.5 लाख से 1.8 लाख हो रोजाना हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तभी हो सकता है जब ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीनेशन या संक्रमित होने के बाद बने इम्युनिटी से पूरी तरह बच निकलता है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक फरवरी के बाद अगले महीने से ही ओमिक्रॉन में गिरावट आ सकती है।
सावधान रहने की जरूरत

स्टडी के हवाले से यह भी कहा गया है कि इससे भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान रहने की जरूरत है। शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि फरवरी के बाद अगले ही महीने ओमिक्रॉन के मामले घट सकते हैं। जो राहत देने वाले होंगे।
IIT कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल और Sutra model of tracking the pandemic trajectory के सह-संस्थापक IIT हैदराबाद के एम विद्यासागर की मानें तो ओमिक्रॉन जिस तेज गति से बढ़ेगा, उतनी ही तेज गति से इसके मामलों में गिरावट भी आ सकती है।
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साउथ अफ्रीका में आने लगी गिरावट


दक्षिण अफ्रीका में मामलों की संख्या तीन सप्ताह में चरम पर जाने के बाद गिरावट शुरू हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में कोविड के मामलों की औसत संख्या 15 दिसंबर को लगभग 23,000 के उच्च स्तर पर रही। अब 20,000 से नीचे आना शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि अगर यूके और संयुक्त राज्य अमरीका के मामलों, मौतों और अस्पताल में भर्ती मरीजों के डेटा से अनुमान लगाया जाए तो फरवरी से ओमिक्रॉन संक्रमण का भारत में पीक आना संभावित है।

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