प्रधानमंत्री ने मंगलवार को यह कहकर नई बहस को जन्म दे दिया कि ‘अगर मैं हिंदू-मुसलमान करूंगा तो सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा।’ नामांकन दाखिल करने वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री ने एक टीवी चैनल से चर्चा के दौरान हिंदू-मुसलमान को लेकर की जाने वाली राजनीति पर खुलकर बात की और कहा कि वह कभी भी हिंदू और मुसलमान को नहीं बांटेंगे। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। विरोधियों ने मोदी के पुराने भाषणों के साथ इसे साझा करते हुए कई तरह के कमेंट किए।
वाराणसी में मोदी ने बताया कि उनका बचपन मुस्लिम परिवारों के बीच ही बीता है। मेरे बहुत सारे मुस्लिम दोस्त हैं। 2002 के बाद मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है। ईद के मौके पर हम घर पर खाना भी नहीं बनाते थे क्योंकि हमारे आस-पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम पड़ोसियों के यहां से ही खाना आया करता था। यहां तक मुहर्रम पर हमें ताजिया करना भी सिखाया गया था।’
अधिक बच्चों को जन्म देने वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा कि ‘मैं हैरान हूं. मुझे समझ नहीं आता है कि जब मैं लोगों से यह अपील करता हूं कि वो अधिक बच्चे न करें तो लोग ऐसा क्यों समझते हैं कि मैं मुस्लिमों की बात कर रहा हूं। गरीब हिंदू परिवारों में भी यह समस्या है। मैंने कभी भी हिंदू या मुस्लिम का नाम नहीं लिया है।…मैं कभी भी हिंदू-मुस्लिम बंटवारा नहीं करूंगा और यह मेरा वादा है।’
पश्चिम बंगाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ‘मां, माटी, मानुष’ के नारे के साथ सत्ता में आई थीं लेकिन अब ये नारा खो गया है और ‘मुल्ला, मौलवी, मदरसा’ मैदान में हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लोकसभा चुनाव के बीच बुधवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर गरीबों को पांच किलो की जगह दस किलो अनाज मुफ्त में दिया जाएगा। खरगे बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ लखनऊ में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, कांग्रेस की खाद्य सुरक्षा योजना को मोदी अपनी बताकर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने का दावा कर रहे हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के प्रति उदारता दिखाई और कहा कि ‘हम इसे बाहर से समर्थन देंगे।’ ममता ने कहा कि हम एक ऐसी सरकार बनाएंगे जिसमें बंगाल की माताओं-बहनों को परेशानी न हो। 100 दिन की रोजगार योजना में किसी को दिक्कत नहीं हो। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उनके लिए इंडिया गठबंधन का मतलब अधीर रंजन की कांग्रेस और माकपा नहीं है।