उन्होंने कहा, ‘आज जब दुनिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं. भारत-इजराइल संबंधों का महत्व और बढ़ गया है. आपसी सहयोग के लिए नए लक्ष्य रखने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है. मुझे पूरा विश्वास है कि भारत-इजराइल की दोस्ती आने वाले दशकों में आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।’
पीएम ने कहा, ‘दोनों देशों के संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है। भारत और इजराइल के बीच सदियों से मजबूत संबंध रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘आज दुनिया महत्वपूर्ण बदलाव देख रही है। भारत-इजराइल के संबंधों (India-Israel Relations) का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दशकों में भारत-इजराइल की दोस्ती आपसी सहयोग में नया मील के पत्थर हासिल करेगी।’
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मालूम हो कि 30 साल पहले आज ही के दिन भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंध पूर्ण रूप से स्थापित हुए थे। भारत ने 17 सितंबर 1950 को इजराइल को मान्यता दी थी हालांकि दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित किए गए थे। तब से ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध एक बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी में विकसित हुआ है।
इस सप्ताह की शुरुआत में भारत में इजराइल के दूत नाओर गिलोन (Naor Gilon) ने कहा था कि भारत-इजराइल के राजनयिक संबंधों को 30 साल हो गए हैं। यह आगामी 30 सालों के संबंधों को अच्छा आकार देने का एक बेहतर अवसर है।’ उन्होंने विश्वास जताया कि विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग आने वाले सालों में और ज्यादा बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संबोधन ऐसे समय में हुआ है. जब अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर को लेकर भारत की राजनीति गरमाई हुई है। इस खबर के मुताबिक, 2017 में भारत और इजराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर और एक मिसाइल सिस्टम की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।