पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि भारत इस चुनौतीपूर्ण समय में विश्व के साथ एकजुट होकर खड़ा है। मोदी ने भारतीय संस्कृति ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना का हवाला देते हुए कहा कि महामारी के दौरान भारत ने इस शिक्षा को जीने की कोशिश की थी।
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कोरोना की दूसरी लहर के बाद से देश की अर्थव्यवस्था में हुआ सुधार : पीयूष गोयल उन्होंने कहा कि भारत ने देश में उपलब्ध दवाओं के स्टॉक को 120 से ज्यादा देशों के साथ साझा कर मदद की। भारत अपनी बड़ी आबादी को भी सुरक्षा दे रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना महामारी कुछ मायनों में वैश्विक सहयोग की सीमाओं को सामने लेकर आया है। हाल दिनों में आप देख रहे होंगे कि ऐसा पहली बार है कि मानव जाति को एक स्पष्ट समान शत्रु का सामना करना पड़ा है।
अंतर्राष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन ‘गावी’ को लेकर उन्होंने कहा कि यह महज वैश्विक गठबंधन नहीं है, बल्कि यह वैश्विक एकजुटता का दर्शाता है। यह याद दिलाता है कि दूसरों की सहायता करके ही हम अपनी भी सहायता कर सकते हैं। पीएम मोदी नें कहा कि भारत की जनसंख्या काफी अधिक है और स्वास्थ्य सुविधाएं बहुत कम हैं। इससे रोग प्रतिरक्षण के महत्व का भी पता चलता है।