ट्विटर अकाउंट बंद किए जाने के साथ-साथ केरल सरकार ने भी पीएफआई पर एक्शन लिया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के बाद केरल सरकार ने एक आदेश जारी कर PFI और उससे संबंधित संगठनों को एक गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया। केरल सरकार की ओर से यह आदेश आज जारी किया गया है। मालूम हो कि पीएफआई की जड़े केरल और तमिलनाडु में मजबूत थी
पीएफआई को प्रतिबंधित किए जाने से पहले केंद्रीय एजेंसी एनआईए और ईडी ने देश भर में फैले पीएफआई के दफ्तरों पर दो दिन मैराथन छापेमारी अभियान चलाया था। इन दो दिनों की छापेमारी में केंद्रीय एजेंसियों ने पीएफआई से जुड़े 150 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। साथ ही कई जगहों पर स्थित इसके दफ्तर को सील भी किया गया था।
केंद्रीय एजेसियों द्वारा हिरासत में लिए गए पीएफआई कार्यकर्ताओं ने पूछताछ के दौरान यह बताया था कि पीएम मोदी के बिहार की राजाधानी पटना दौरे के बाद उनलोगों ने उपद्रव की साजिश रची थी। इससे पहले भी यूपी, केरल, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों में पीएफआई के सदस्यों पर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का आरोप लगता रहा है। ऐसे में सरकार ने इसे प्रतिबंधित करने का फैसला लिया। सरकार के इस फैसले का कई लोग समर्थन कर रहे है तो कई विपक्षी नेता पीएफआई की तरह ही आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग उठा रहे हैं।