पृथ्वी पर जीवन के करीब चार अरब साल में प्राइमरी एंडोसिम्बायोसिस की प्रक्रिया दो बार ही हुई है। पहली बार यह 2.2 अरब साल पहले हुई थी, जब आर्किया नाम के जीव ने बैक्टीरिया को निगल लिया था और नया जीव माइटोकॉन्ड्रिया बना था। माइटोकॉन्ड्रिया को आज भी ‘कोशिका का पावरहाउस’ कहा जाता हैं। दूसरी बार 1.6 अरब साल पहले एडवांस्ड कोशिकाओं ने साइनोबैक्टीरिया को निगला था।
साइनोबैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा हासिल कर सकता है। कोशिकाओं से इसके मिलन से क्लोरोप्लास्ट नाम के जीव बने। इनके जरिए पौधे सूर्य की रोशनी से ऊर्जा पाते हैं। पौधों की पत्तियों का हरा रंग भी इवॉल्यूशन का नतीजा है। प्राइमरी एंडोसिम्बायोसिस की तीसरी घटना ने जैविक इंजीनियरिंग में शोध के नए रास्ते खोल दिए हैं।