जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राजस्थान सरकार को 26 अप्रेल के फैसले का कथित तौर पर उल्लंघन करने वाली सभी खनन गतिविधियों को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इस पीठ ने कहा कि 26 अप्रैल, 2023 को हमने सभी संरक्षित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। संरक्षित क्षेत्रों का मतलब न केवल राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य से है, बल्कि महत्वपूर्ण बाघ आवास, यानी बाघ अभयारण्य भी इसमें शामिल होंगे।
पीठ ने कहा, मामले को ध्यान में रखते हुए हम पाते हैं कि महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में किसी भी खनन गतिविधियों को जारी रखना हमारे 26 अप्रेल, 2023 के आदेश की अवमानना होगी। पीठ ने कहा कि इन टिप्पणियों के मद्देनजर, उसे नहीं लगता कि महत्वपूर्ण बाघ आवासन क्षेत्र (बाघ अभयारण्य) की सीमाओं से एक किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान राज्य को किसी विशेष निर्देश की आवश्यकता है। मामले में अगली सुनवाई जुलाई में होगी।