सरकार के दिशा-निर्देश के मुताबिक, तमाम शिक्षण संस्थानों को कोरोना संक्रमण की गंभीरता के मद्देनजर अपने यहां क्वारंटीन सेंटर बनाना अनिवार्य है। इसके अलावा कक्षाओं का संचालन सिर्फ 50 फीसदी उपस्थिति के साथ ही करने की इजाजत दी गई है। साथ ही स्कूलों को दो शिफ्टों में चलाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन दोनों शिफ्टों के बीच में एक घंटे का अतंर होना जरूरी है। आइए जानते हैं दिल्ली सरकार की ओर से जारी किए गए एसओपी से जुड़ी कुछ अहम जानकारियां..
School Reopen: कोरोना से थोड़ी राहत के बीच कई राज्यों ने स्कूल खोलने का किया एलान, जानिए अपने राज्य का हाल
– दिल्ली सरकार की ओर से जारी एसओपी के अनुसार, कक्षा में सिर्फ 50 फीसदी स्टूडेंट्स को ही बैठने की अनुमति है।
– दो शिफ्ट में होगा स्कूलों का संचालन।
– पहले शिफ्ट में आधे बच्चे और फिर अगली शिफ्ट में आधे स्टूडेंट्स आएंगे।
– दो शिफ्टों के बीच में कम से कम एक घंटे का अंतर होना अनिवार्य है।
– स्कूल के अंदर सभी के लिए मास्क पहनना जरूरी होगा।
– स्कूल हेड को कुछ अतिरिक्त मास्क की व्यवस्था सुनिश्चित करना होगा।
– कन्टेनमेंट जोन में रहने वाले शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी।
– कक्षा के अंदर और स्कूल कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना व करवाना अनिवार्य है।
– स्कूल में बच्चों की एंट्री के वक्त भी सोशल डिस्टेंसिंग व मास्किंग का ध्यान रखना जरूरी है।
– स्कूल के अंदर मास्क पहनना जरूरी होगा। मास्क के बिना स्कूल में एंट्री नहीं होगी।
– एंट्री गेट पर निगरानी रखना अनिवार्य है। यदि कोई संदिग्ध कोरोना संक्रमित नजर आता है तो तत्काल क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए गए हैं।
– स्कूल व अन्य शिक्षण संस्थानों के एंट्री गेट पर थर्मल चेकिंग करना जरूरी है। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी स्टूडेंट, शिक्षक या अन्य स्टाफ बिना थर्मल चेकिंग के स्कूल में दाखिल न हो सके।
– सभी स्कूल, कॉलेज व अन्य शिक्षण संस्थानों को क्वारंटीन सेंटर बनाना जरूरी है, ताकि किसी इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल किया जा सके।
– पैरंट्स की सहमति के बिना स्टूडेंट्स को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
– स्कूलों को ऑनलाइन स्टडी जारी रखने का निर्देश दिया गया है।
– जो बच्चे ऑनलाइन घर से पढ़ाई करना चाहता है वह कर सकता है।
Corona Epidemic: आइए जानते हैं कोरोना काल में क्यों बढ़ रही हैं लोगों की मानसिक परेशानियां
– सैनिटाइजेशन पर सभी स्कूलों व शिक्षण संस्थानों को विशेष ध्यान देना जरूरी है।
– स्कूल के कॉमन एरिया और खासकर जिन जगहों पर बच्चे ज्यादातर हाथ लगाते हों वैसी जगहों को बार-बार सैनिटाइज करना जरूरी है।
– वॉशरूम में हैंड वॉश रखना अनिवार्य है।
– बसों व अन्य वाहन जिनसे बच्चे स्कूल आते-जाते हैं उन्हें सैनिटाइज करना जरूरी है।
– स्कूल के ड्राइवर, कंडक्टर और हेल्पर को वैक्सीन की दोनों डोज लगा होना जरूरी है।
– स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सफाई के साथ थर्मल स्कैनर, डिसइन्फेक्टैंट, सैनिटाइजर्स, साबुन, मास्क आदि पर्याप्त रहें।
– स्कूलों में पर्याप्त संख्या में वॉश बेसिन की भी व्यवस्था करनी होगी। इसके अलावा वॉश बेसिन के पास लिक्विड सोप भी होना चाहिए।