मुंबई. साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद टाटा संस को उसका नया चेयरमैन मिल गया है। ग्रुप कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस के सीईओ और एमडी एन. चन्द्रशेखरन को साइरस मिस्त्री की जगह नया चेयरमैन बनाया गया है। वे टाटा संस के 149 साल के इतिहास में ग्रुप के पहले गैर पारसी चेयरमैन हैं। वे 21 फरवरी को ग्रुप की कमान संभालेंगे। इस वक्त खुद रतन टाटा कंपनी के अंतरिम चेयरमैन के तौर पर काम संभाल रहे थे। मिस्त्री को पिछले साल 24 अक्टूबर को हटा दिया गया था। चन्द्रशेखरन मूलत: तमिलनाडु से हैं और वे TCS में 2009 से एमडी और सीइओ हैं। राजेश गोपीनाथन टीसीएस में उनकी जगह लेंगे।
मिस्त्री के बाहर जाने के बाद बोर्ड में शामिल हुए थे चन्द्र शेखरन
गुरुवार को कंपनी ने चन्द्रशेखरन के अप्वाइंटमेंट की आधिकारिक घोषणा की। वे कम्प्यूटर एप्लीकेशन में मास्टर डिग्री होल्डर हैं। उन्होंने 1987 में टाटा ग्रुप ज्वाइन किया था। 2009 में वे टीसीएस के सीइओ बने थे। मिस्त्री के बाहर जाने के बाद पिछले साल अक्टूबर में उन्हें टाटा संस बोर्ड में शामिल किया गया था। चन्द्रशेखरन सेन्ट्रल बैंक के बोर्ड में भी काम कर चुके हैं। मिस्त्री को हटाने के बाद टाटा संस के चेयरमैन बनने की दौड़ में कई बड़े नामों की चर्चा थी। इसमें पेप्सिको इंक की हेड इंद्रा नूयी, वोडाफोन ग्रुप के फॉर्मर हेड अरुण सरीन, टाटा ग्रुप की रिटेल यूनिट के चेयरमैन नोएल टाटा, टीसीएस के ही पूर्व सीईओ एस रामादोराई, जगुआर लैंड रोवर के हेड राल्फ स्पेथ का नाम भी शामिल था।
चन्द्रशेखरन के चुने जाने की तीन बड़ी वजहें
#1. प्रतिबद्धता : कई बाहरी नाम थे, कंपनी की कोशिश थी कि ग्रुप के ही किसी इंटरनल को चेयरमैन की बड़ी जिम्मेदारी दी जाए। चन्द्रशेखरन 30 साल से ग्रुप से जुड़े हैं। रिजल्ट देने के साथ प्रतिबद्धता से काम किया।
#2. मुनाफा: चन्द्रशेखरन की लीडरशिप में TCS की आमदनी तीन गुना तक बढ़ गई। 2009 में उन्हें ने बतौर सीईओ और एमडी कमान सौंपी गई थी। इसके बाद टीसीएस की आमदनी 2010 के 30,000 करोड़ से तीन गुना बढ़कर 2016 के वित्त वर्ष में 1.09 लाख करोड़ तक पहुंच गई। इसमें मुनाफा भी 7,093 करोड़ से तीन गुना बढ़ा और 24,375 करोड़ तक पहुंच गया।
#3. भरोसा : चन्द्रशेखरन का भरोसेमंद होना है और ग्रुप की सबसे फायदेमंद कंपनी को संभालने का अनुभव भी उनके अप्वाइंटमेंट की सबसे बड़ी वजह है। टाटा ग्रुप के कंबाइंड मार्केट कैप 116 अरब डॉलर में 60% योगदान सिर्फ टीसीएस का ही है। जबकि टाटा संस के कुल रेवेन्यू में टीसीएस का योगदान 70% है।
कैसे हुआ चुनाव ?
रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 54 वर्षीय रतन टाटा ने टाटा संस की बोर्ड मीटिंग में नए चेयरमैन की नियुक्ति का फैसला लिया। चन्द्रशेखरन के अप्वाइंटमेंट की सिफारिश पांच मेम्बर्स की एक सर्च कमेटी ने किया था। कमेटी में रतन टाटा के साथ टीवीएस ग्रुप के हेड वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन और लॉर्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल थे।