बढ़ गया बच्चों में संक्रमण का खतरा शिशु और कोरोना रोग विशेषज्ञ वायरल संक्रमण के अधिक गंभीर रूप में सामने आने का कारण कुपोषण को मान रहे हैं। उनके अनुसार कुपोषण से रोग प्रतिरोधक क्षमता और कम हो जाती है। यही नहीं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे शरीर की आंत, नाक, त्वचा व गले में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया और वायरस से भी संक्रमित हो जाते हैं। ऐसे में बुखार के चलते पहले से ही कमजोर पड़ चुकी प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है।
परिजन रखें बच्चों का खास ख्याल एम्स में कोरोना (covid-19) के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार के अनुसार यदि तीसरी लहर आई तो कुपोषित बच्चों में गंभीर लक्षण सामने आ सकते हैं। इसके लिए अभिभावकों को सचेत होने की जरूरत है। 6 माह से अधिक उम्र के बच्चों को मां के दूध के साथ अर्ध तरल खाद्य सामग्री जैसे दाल का पानी, खिचड़ी, दलिया, मसल कर मौसमी फल, सब्जियों का सूप आदि देना चाहिए।
गौरतलब है कि देश में कोरोना संक्रमण (covid-19) के मामले लगातार बढ़ते डा रहे हैं। बीते कई दिनों से देश में कोरोना (corona) के 30 से 40 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं केरल (corona in kerala) और महाराष्ट्र (corona in maharashtra) जैसे राज्यों में लगातार बढ़ते कोरोना मामले चिंता बढ़ा रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर (third wave of covid) की खबरों के बीच विशेषज्ञ लगातार लोगों से कोरोना नियमों का पालन करने और टीकाकरण (covid vaccination) कराने की अपील कर रहे हैं।