यहां अधिकांश आदिवासी रहते हैं। कोहिमा के आदिवासियों की संस्कृति बहुत रंग-बिरंगी है जो पर्यटकों को बहुत पसंद आती है। पर्यटकों को इन आदिवासियों की संस्कृति की झलक देखना बहुत पसंद है। ये हैं नागालैंड के आकर्षण
इसके अलावा पर्यटक यहां पर कई बेहतरीन और ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों की सैर भी कर सकते हैं। इनमें राज्य संग्राहलय, एम्पोरियम, नागा हेरिटेज कॉम्पलैक्स, कोहिमा गांव, दजुकोउ घाटी, जप्फु चोटी, त्सेमिन्यु, खोनोमा गांव, दज्युलेकी और त्योफेमा टूरिस्ट गांव प्रमुख हैं।
यह सभी पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं और इनकी ख़ूबसूरत उन्हें मंत्रमुग्ध कर देती है। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान कोहिमा ही वह दूरस्थ बिंदु था, जहां तक जापानी ब्रिटिश भारत में प्रवेश कर पाए थे।
1944 में कुछ समय के लिए यहां जापानी टुकडिय़ों का क़ब्ज़ा रहा था, फिर अंग्रेज़ों ने इसे वापस हासिल कर लिया। नागालैंड के दीमापुर विमानक्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया गया है। यहां से कोहिमा तक पहुंचना काफी आसान है।
कैसे जाएं दीमापुर में रेलवे स्टेशन का भी निर्माण किया गया है। दीमापुर से कोहिमा मात्र 74 किमी की दूरी पर स्थित है। कोहिमा बस अड्डा नागालैंड का सबसे व्यस्तम बस अड्डा है। यहां से नागालैंड के विभिन्न स्थानों के लिए बसों का परिचालन किया जाता है। बसों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 39 से निजी वाहनों द्वारा भी कोहिमा तक पहुंचा जा सकता है।