अजमेर और मालेगांव ब्लास्टके बाद यूपीए सरकार ने हिंदू आतंकवाद थ्योरी दी थी, इसी के तहत सरकार मोहन भागवत फंसाना चाहती थी, इसके लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी के बड़े अधिकारियों पर दबाव डाला जा रहा था।
मानसून सत्र शुरू होने से पहले एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिससे संसद में हंगामा तय है। पता चला है कि कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए की सरकार अपने अंतिम दिनों में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को आतंकवादियों की सूची में डालना चाहती थी।
•Jul 15, 2017 / 11:22 am•
santosh
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