उपराष्ट्रपति की चुनावी प्रक्रिया राष्ट्रपति चुनाव से अलग होती है। राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद भी वोट करते हैं। दूसरी ओर राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं। इसमें राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत लोकसभा सदस्य वोट करते हैं।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदन के सभी सदस्य लेते हैं भाग-
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है। उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदनों के सदस्य भाग लेते हैं। चुनाव आयोग ने बीते दिनों राष्ट्रपति चुनाव के तारीखों की घोषणा की थी, जिसके बाद एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा अपना नामांकन कर चुके हैं। अब इन दोनों की जीत-हार के साथ-साथ उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम की चर्चा है।
2024 आम चुनाव से पहले भाजपा चल सकती है मास्टर स्ट्रोक-
राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए ने जिस तरह से आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को आगे बढ़ाया है, उसे देखते हुए कहा जा रहा है कि संभव है कि बीजेपी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए भी किसी महिला को ही मौका देगी। आज तक देश में कोई भी महिला उपराष्ट्रपति के पद तक नहीं पहुंच सकी हैं। ऐसे में भाजपा महिला उम्मीदवार को उतारकर 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आधी आबादी को लुभाने का मास्टर स्ट्रोक चल सकती है।
एनडीए की ओर से इन तीन नामों की सबसे अधिक चर्चा-
इस नजरिए से एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति पद के लिए जिन महिलाओं के नाम की चर्चा सबसे अधिक है, उसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, मणिपुर की पूर्व राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की मौजूदा राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल हैं। इन सभी नामों के पीछे राजनीतिक जानकार अलग-अलग तर्क भी दे रहे हैं।
उमा भारती और नजमा हेपतुल्ला के लिए यह तर्क-
उमा भारती की दावेदारी पर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इनका असर मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में भी अच्छा खासा है। वहीं, नजमा देश के पहले शिक्षामंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की नातिन हैं। वह काफी समय तक कांग्रेस में रहने के बाद अब भाजपा की प्रमुख मुस्लिम महिला चेहरा है। इनके नाम के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि मुस्लिम महिला होने के कारण भाजपा इन्हें प्रोजेक्ट कर सकती है।
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आनंदीबेन पटेल के नाम की भी चल रही चर्चा-
तीसरी ओर गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल हैं। इनके नाम की चर्चा राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में भी की जा रही थी। आनंदीबेन गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री के साथ-सात मौजूदा समय में यूपी की राज्यपाल हैं। आनंदीबेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। ऐसे में उनकी दावेदारी भी अहम मानी जाती है। बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति पद का चुनाव 18 जुलाई को होगा और 21 जुलाई को नतीजे आएंगे।