अर्पिता मुखर्जी ने मेडिकल जांच के लिए जाने के दौरान बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मेरे घर से जब्त किया गया पैसा मेरा नहीं है। उन्होंने कहा यह पैसा मेरी गैरमौजूदगी में वहां रखा गया था। इससे पहले पार्थ चटर्जी भी दावा कर चुके हैं कि पैसा उनका नहीं है। चटर्जी ने शुक्रवार को कहा था कि वह साजिश का शिकार हुए हैं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा कर TMC से निलंबित किए जाने के फैसले पर भी पार्थ चटर्जी ने नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ कार्रवाई उचित थी या नहीं, यह तो समय ही बताएगा। वहीं दूसरी तरफ पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी, दोनों ने कहा है कि बरामद किया गया पैसा उनका नहीं था।
SSC घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय को अर्पिता मुखर्जी के आठ बैंक खातों से आठ करोड़ रुपये के लेन-देन का पता चला है। ईडी इन आठ खातों को पहले ही फ्रीज कर चुका है। ED उन स्रोतों का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इतनी बड़ी राशि किन खातों से इनके पास आई और कहां-कहां भेजी गई। जरूरत पड़ी तो एजेंसी खातों का फोरेंसिक ऑडिट भी करवा सकती है।
बता दें, पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते हुए शिक्षक भर्ती में घोटाला हुआ था, जिसकी जांच के दौरान उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से करोड़ों की नकदी और सोना बरामद किये गये। जिसके बाद दोनों को मनी लॉड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को बुधवार को PMLA की अदालत में पेश किया जाएगा। बुधवार को ही दोनों की 10 दिन की ED हिरासत खत्म हो जाएगी।