क्यों खास है आतंकवाद विरोधी दिवस
आतंकवादी युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें आतंकवाद में लिप्त करने का प्रयास करते रहते हैं। इसलिए इस दिन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के प्रति लोगों को , युवाओं को हिंसा व आतंकवाद के प्रति जागरूक करना है जिससे उन्हे कोई ब्रेनवॉश करके आतंकवादी गतिविधि में शामिल न कर सके।
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कैसे हुई थी इसकी शुरुआत
आतंकवाद विरोधी दिवस 21 मई 1991 को अस्तित्व में आया। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी। उन्हें आत्मघाती बम विस्फोट का शिकार बनाया गया था। इसके बाद वीपी सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने राजीव गांधी की मृत्यु के दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। तभी से यह दिन आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।