मामले के जांच अधिकारी एएसआई कैलाश राठौर ने बताया कि 1450 लीटर जब्त शराब में पूछताछ और जांच के बाद पुलिस ने शराब तस्करी से जुड़े मुख्य आरोपी भरतसिंह पिता दशरथ सिंह निवासी सालेरपुरकलां थाना हतुनिया जिला प्रतापगढ़ तथा कोमल सिंह को राजस्थान में दबिश देकर गत बुधवार रात को गिरफ्तार किया है। वहीं न्यायालय में पेशकर आरोपी को पांच दिन के रिमांड पर लिया था। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि राजस्थान के मंडफिया निवासी मांगीलाल गुर्जर उसे स्प्रिट उपलब्ध कराता था। वह लसुडिया गांव निवासी परमिंदर पिता देवीसिंह और कोमल सिंह पिता लाल सिंह को उपलब्ध करा रहा था। उन्होंने इंदौर के राजू नाम के व्यक्ति का नाम लिया है। जिससे शराब बनाने के लिए उपकरण में मशीन, ढक्कन और लेबल खरीदे थे। पुलिस ने उसके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है।
यह है मामला
10 मार्च 2020 को जीरन पुलिस ने नकली शराब बनाने के उपयोग में आने वाले स्प्रीट की बडी खेप पकडी थी, 1450 लीटर स्प्रीट एक पिकअप गाडी से जब्त किया था और एक आरोपी रवि बैरागी को भी मौके से पकडा था। तत्कालीन समय में पुलिस ने इस मामले में खूब वाहवाही लूटी, लेकिन बाद में यह मामला जांच में दब गया। उसके बाद पुलिस ने आरोपी गोपालदास बैरागी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, पुलिस भी इससे कुछ नहीं उगला पाई है। नकली शराब बनाने वाली स्प्रीट कहां से लाए थे, कहां पर फैक्टरी संचालित थी और कौन-कौन सरगना शामिल थे। अब तक सिर्फ पिकअप चालक और एक अन्य उसका साथी पकड में आए है। जो कि एक कोरियर का काम कर रहे थे, मुख्य सरगना अभी पकड से दूर है। जीरन पुलिस ने फ ोरलेन से पिकअप क्रमांक एमपी 14 जीसी 0903 को नाकेबंदी के दौरान पकडा था। 7 नीले रंग के ड्रमों में 200-200 लीटर स्प्रीट, एक छोटी टंकी में 50 लीटर स्प्रीट, कुल 1450 लीटर स्प्रीट जब्त की थी। रवि बैरागी नामक आरोपी को मौके से पकडा था। उस वक्त पुलिस ने बडी कार्रवाई को अंजाम दिया गया था। बताया जा रहरा है कि प्रतापगढ जिले में बडे पैमाने पर स्प्रीट बनाने की फैक्टरी संचालित है, वहां से इस स्प्रीट के कनेक्शन थे। तत्कालीन समय में पुलिस ने उस फैक्टरी का भंडाफ ोड नहीं किया। मिलीभगत कर आरोपियों को बचाने का काम किया था।