script11 किलोमीटर पर वाहन के नंबर डालना अनिवार्य | It is mandatory to enter the number of vehicles on 11 kilometers | Patrika News
नीमच

11 किलोमीटर पर वाहन के नंबर डालना अनिवार्य

ई वे बिल व्यापारियों को अभिनव सौगातई वे बिल होने से कभी भी जांच हो नहीं आएगी परेशानी

नीमचDec 08, 2017 / 10:33 pm

harinath dwivedi

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कृषि उपज मंडी परिसर स्थित व्यापारी संघ कार्यालय में ई वे बिल की जानकारी देते हुए वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी।

नीमच. जीएसटी इे वे बिल प्रक्रिया व्यापारियों के विकास के लिए अभिनव सौगात है। इसे समझना सरल है। ई वे बिल से व्यापारी, ट्रांसपोर्टर एवं माल पाने वाला व्यापारी तीनों को ही एसएमएस मिलेगा। इसमें जब-जब भी माल परिवहन की मार्ग में जांच हो तो वाणिज्य कर विभाग उस पंजीयन नंबर से माल की वस्तु स्थिति को समझ लेगा। व्यापारी को इसमें ऑनलाईन वेब पोर्टल पर पंजीयन करवाना आवश्यक होगा।
72 घंटे में ई वे बिल कर सकता है केंसल
यह जानकारी वाणिज्यकर विभाग के राज्यकर आयुक्त कमलकांत मणि ने दी। मणि ने कृषि उपज मंडी परिसर स्थित व्यापारी संघ कार्यालय में व्यापारियों को ई वे बिल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। शुक्रवार को मंडी व्यापारी संघ द्वारा शुक्रवार शाम 4 बजे आयोजित जीएसटी ई वे बिल कार्यशाला आयोजित की गई थी। व्यापारियों को मणि ने बताया कि 11 किलोमीटर पर वाहन के नंबर डालना अनिवार्य होगा। माल पाने वाला 72 घंटे में ई वे बिल को केंसल कर सकता है। गाड़ी चालक के पास ई वे बिल का नम्बर, मोबाइल में होगा तो भी अधिकारी उसे जांच कर लेगा। कागजात में इनवाईस नंबर होता है। एक ट्रक में चार अलग-अलग उपज भरें तो मास्टर फाइल गणना कर लेगा। ट्रांसपोर्टर को भी अपना आईडी जनरेट करना होगा। बिना वाहन नंबर के माल को मान्यता नहीं मिलेगी। ई वे बिल क्यूआरकोड कम्प्यूटर के अंदर सामने आ जाएगा। पार्ट बी पूर्ण नहीं होगा तो ई वे बिल मान्य नहीं होगा। ई वे बिल में वाहन नंबर डालने से विवरण ज्ञात होगा। नियम 138 धारा 68 के अंतर्गत ई वे बिल हमेशा बनाना होगा।
व्यापारियों की जिज्ञासाओं को किया दूर
मणि ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के साथ ई वे बिल पंजीयन आवश्यक है। इसमें आईटी, पासवर्ड, ओटीपी के जरिए मिलेगा। एक मास्टर फाईल वेब पोर्टल साइड पर बनेगी। इसमें व्यापारी ट्रांसपोर्टर और ग्राहक भी शामिल होगा। इसमें तीनों ही एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। इसमें जीएसटी नंबर का प्रयोग आवश्यक रहेगा। ऑन रजिस्टर्ड व्यापारी, पेनकार्ड, आधार कार्ड से जुड़ेगा। व्यापारी का गोदाम यदि 10 किलोमीटर की दूरी पर है तो गाड़ी नंबर डालना अनिवार्य नहीं है। कार्यशाला में वाणिज्यकर सहायक आयुक्त श्वेता सोटे, एसीटीओ सुरेन्द्रसिंह चुंडावत, सीटीआई अनिरूद्धसिंह ने भी ई वे बिल पर व्यापारियों के विभिन्न प्रश्नों और जिज्ञासा के उत्तर दिए। आईटी कम्प्यूटर नितिश कांठेड़ ने मेगा स्क्रीन प्रोजेक्टर पर ई वे बिल प्रक्रिया की कम्प्यूटर विधि सिखाई। इस अवसर पर मंडी व्यापारी संघ सचिव राजेन्द्र खंडेलवाल, नवल मित्तल, विनय मारू सहित बड़ी संख्या मंडी व्यापारी ट्रांसपोर्टर भी उपस्थित थे।
विरोध से पहले केन्द्र सरकार सजग दिया प्रषिक्षण
पूर्व में जब केंद्र सरकार ने व्यापारियों पर जीएसटी लागू किया तो इसका पूरे देश में व्यापारियों एवं विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध किया था। जीएसटी की कठिनाईयां जब सामने आई थी तब केंद्र सरकार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। ई वे बिल प्रक्रिया शुरू करने से पहले केंद्र सरकार ने व्यापारियों को इसकी बारीकियों से अवगत कराने की सार्थक पहल की है। वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों की टीम द्वारा ई वे बिल प्रक्रिया शुरू करने से पहले इसकी परेशानियों का आंकलन किया गया। विस्तार से अनुसंधान करने के बाद व्यापारियों को ई वे बिल के बारे में विस्तार से जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की। शुक्रवार को जितने व्यापारियों ने प्रशिक्षण लिया वे इस बात से संतुष्ट दिखे कि आगे ई वे बिल प्रक्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी।
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