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नीमच

जान हथेली पर लेकर ये क्या रहे बच्चे

-शहर के ग्वालटोली और संजीवनी तालाब के गहरे पानी में लगा रहे डूबकी-जहरीले जीव जंतुओं और जलकुंभी से पटे हैं तालाब

नीमचApr 16, 2018 / 10:04 pm

harinath dwivedi

patrika

संजीवनी तालाब

नीमच. भर दोपहरी में कोई बच्चा गंदे पानी में डूबकी लगा रहा था, तो कोई बच्चा हाथ से नाव को खींचकर उसमें सवार होना चाह रहा था, कोई ऊपर से ही छलांग लगाकर पानी में कूद रहा था, तो कोई गहरे पानी में जाने से भी नहीं कतरा रहा था, जबकि ठहरे हुए पानी में कई प्रकार के जहरीले जीव जंतु भी हैं। ऐसे में कभी भी कोई हादसा हो सकता है। लेकिन इन नौनिहालों की न परिजनों को चिंता है न जिम्मेदारों को।
यह हालात नजर आए रविवार को शहर के ग्वालटोली और संजीवनी तालाब में, जहां चंद बच्चे अपने मनोरंजन के लिए न सिर्फ गहरे पानी में अटखेलियां कर रहे थे, बल्कि एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए आगे बढ़-बढ़कर छलांग लगा रहे थे।
केस १. शहर के ग्वालटोली क्षेत्र में स्थित तालाब में सालभर पानी रहे और आसपास के रहवासी इस तालाब के समीप टहल कर प्रकृति का आंनद ले सकें। इसलिए नपा द्वारा तालाब को गहरा करने के साथ ही वहीं समीप में आकर्षक गार्डन बनाया, साथ ही वहां पर टहलने के लिए जोङ्क्षगग टे्रक का काम चल रहा है। इस दौरान कोई तालाब के पास नहीं पहुंचे, इसलिए गार्डन की ओर ऊंची ऊंची जालियां और चारदीवारी बना रखी है। लेकिन एक साईड से तालाब पूर्ण रूप से खुला होने के कारण छोटे छोटे बच्चे वहां मनोरंजन करने के लिए पहुंच जाते हैं। पत्रिका टीम ने जब रविवार को तालाब के पास जाकर देखा तो बच्चे मछलिया और केकड़े पकडऩे का प्रयास कर रहे थे, वहीं उन बच्चों को सर्प भी दिखाई दिया था, लेकिन बचपने के कारण उन्हें कोई भय नहीं था, इन बच्चों में से अधिकतर बच्चे वहीं तालाब में डूबकियां लगाकर नहाते हैं। जबकि यहां पानी काफी अधिक गहरा होने के कारण हर दम हादसे का भय बना रहता है।
केस २. ऐसे ही हालात शहर के संजीवनी तालाब में नजर आए, यहां जैसे ही पत्रिका टीम पहुंची तो कुछ बच्चे तालाब में डूबकियां लगाते हुए तैरते हुए नजर आए, वैसे यहां पर काफी मात्रा में जलकुंभी पसर जाने के कारण जहरीले जीव जंतुओं का डर बना रहता है। लेकिन बच्चों को इस बात की कोई परवाह नहीं थी। वे अपने मनोरंजन के लिए कभी उड़ी लगा रहे थे, तो कभी समीप पड़ी नांव में बैठकर घूमाने के चक्कर में थे, हालांकि पत्रिका टीम को देखकर वे कुछ देर के लिए सहम गए थे, लेकिन थोड़ी देर बाद ही वे फिर गहरे और जलकुंभी से पटे पानी में तैरते नजर आए।
केस ३. शहरवासियों को गर्मी के दौरान तैराकी का लुत्फ मिले इसलिए सालों पहले शहर के बीचों बीच स्विमिंग पूल का निर्माण किया गया था। लेकिन इस साल स्विमिंंग पूल प्रारंभ होता नजर नहीं आ रहा है। पत्रिका टीम ने जब स्विमिंग पूल के हालातों पर नजर डाली तो यहां मुख्य द्वार से लेकर अंदर तक के दरवाजे पर ताले लटके थे। क्योंकि स्विमिंग पूल भवन बाहर से काफी जर्जर हो चुका है। लेकिन स्विमिंग पूल में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है, जिम्मेदार चाहे तो उसे दूसरे रास्ते से चालु करवा सकते हैं। ताकि स्विमिंग पूल के अभाव में बच्चों को यूं इस प्रकार गहरे और जहरीले जीव जंतुओं से भरे तालाबों में अपनी जान के साथ खिलवाड़ नहीं करना पड़े।
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रूके हुए पानी में नहाने से होता है चर्म रोग
रूके हुए पानी में नहाने से निश्चित ही चर्म रोग सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती है। संजीवनी तालाब का पानी भी काफी समय से रूका हुआ रहता है। चूकि व्यक्ति नहाता है तो पानी शरीर के सम्पर्क में तो आता ही है, साथ ही मुहं के माध्यम से पेट में भी जाता है। जिससे चर्म रोग व पेट के रोगों की समस्या हो सकती है। ऊपर से इस पानी में जलकुंभी भी पनप रही है। इस कारण किसी भी रूके हुए पानी में नहाना नुकसानदायक है।
-डॉ एके दुबे, सिविल सर्जन
संजीवनी तालाब में कुछ लोग कपड़े धोने आते हैं उन्हीं के बच्चे नहाते हैं। चूकि संजीवनी तालाब का क्षेत्र काफी बड़ा है इस कारण यहां परिजनों को भी ध्यान रखना चाहिए, कि वे अपने बच्चों को इस प्रकार की हरकतें नहीं करने दें, रहा सवाल ग्वालटोली तालाब का, वहां पर एक कर्मचारी तैनात कर देंगे। ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आए। स्विमिंग पूल भी एक सप्ताह में शुरू करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
-संजेश गुप्ता, सीएमओ, नगरपालिका

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