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नहीं हैं स्वैप मशीनें, कैसे होंगे कैशलेस

अशोकनगर. नोट बंदी के बाद अब
केन्द्र सरकार कैश लेस लेन देन पर जोर दे रही है। लेकिन इसकी राह इतनी आसान
नहीं है। इसमें डर होने के साथ ही मशीनरी का अभाव भी एक बड़ी समस्या है।

जयपुरDec 16, 2016 / 11:12 pm

praveen

cash transactions lace,

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 अशोकनगर. नोट बंदी के बाद अब केन्द्र सरकार कैश लेस लेन देन पर जोर दे रही है। लेकिन इसकी राह इतनी आसान नहीं है। इसमें डर होने के साथ ही मशीनरी का अभाव भी एक बड़ी समस्या है। बैंकों के पास पीओएस मशीनें उपलब्ध नहीं हैं। इसके कारण इनके लिए आवेदन करने वाले अब तक कैशलेस नहीं हो पाए हैं।

उल्लेखनीय है कि 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद देश में पैदा हुई कैश की किल्लत से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। लेकिन जिस तरह नोटबंद कर दोबारा बाजार में पर्याप्त नोटों का वितरण कठिन है, उसी तरह एकदम से कैशलेस के विकल्प मुहैया कराना भी उतना ही कठिन है। विकल्प न होने से कैशलेस होना केवल एक कोरी कल्पना ही है। पत्रिका ने बैंकों व बाजार में कैशलेस सुविधाओं का जायजा लिया तो हालात बेहद चिंताजनक मिले। तमाम राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीओएस मशीनों के लिए लोगों ने आवेदन दे रखे हैं। लेकिन नोटबंदी के बाद से बैंकों ने नई पीओएस मशीनें जारी नहीं की हैं। लीड बैंक अधिकारी ओपी नेमा के अनुसार 9 दिसंबर तक ऐसे करीब 175 आवेदन बैंकों में पेंडिंग थे। वहीं मशीनें न मिलने के कारण कई व्यापारी केवल पूछताछ कर वापस लौट गए। जिला मुख्यालय पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स में तीन, एक्सिस बैंक में दो, पंजाब बैंक में चार, बैंक ऑफ बड़ौदा में 8-10, यूनियन बैंक में 3 एवं सेंट्रल बैंक में 7 आवेदन पेंडिंग हैं। वहीं एसबीआई की दोनों शाखाओं ने जानकारी देने में असमर्थता जताई। मशीनें कब तक आ पाएंगी इसकी जानकारी भी बैंक नहीं दे पा रहे हैं।

 चेक ने भी बढ़ाई मुसीबत
दूसरी ओर चेक ने भी बैंकों व हितग्राहियों की मुसीबत बढ़ा दी है। मंडी से किसानों को चेक मिल रहे हैं, बड़ी खरीदी के लिए भी लोग चेक का उपयोग कर रहे हैं, हम्मालों व मजदूरों को भी चेक दिए जा रहे हैं। इसके कारण बैंकों में प्रतिदिन आने वाले चेकों की संख्या भी पांच से 15 गुना बढ़ गई है। इससे चेक कलेक्शन समय पर नहीं हो पा रहा है। बैंक ऑफ बड़ौदा में पहले जहां औसतन 10 चेक आते थे, वहीं अब 120 से 150 चेक आ रहे हैं। युनियन बैंक में भी प्रतिदिन औसतन 200 चेक आ रहे हैं।

एक्सिस बैंक ने लगाईं नौ मशीनें
जिले में एक्सिस बैंक ने नोटबंदी के बाद नई पीओएस मशीनें जारी की हैं। बैंक द्वारा 9 आवेदकों को पीओएस मशीन उपलब्ध करवाई गई है। इसके अलावा अन्य बैंकों ने अपने ग्राहकों

बाजार में उपलब्ध नहीं विकल्प
बाजार में कैशलेस के नाम पर कुछ जगहों पर चेक और कहीं-कहीं पहले से लगी पीओएस मशीनों की ही सुविधा है। इसके अलावा इक्का-दुक्का जगहों पर ई-वालेट से पेमेंट स्वीकार किया जा रहा है। जिले केअधिकांश दुकानदार नगदी में ही व्यापार कर रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों के लिए भी कैशलेस होना संभव नहीं है। किराना दुकानों, होटलों, कॉलेजों, एमपी ऑनलाइन क्योस्क, पेट्रोल पंप, निजी चिकित्सालय, मेडिकल स्टोर्स आदि पर कैशलेस पेमेंट के विकल्प मौजूद नहीं हैं।को पीओएस मशीनें उपलब्ध नहीं करवाई हैं। इसके कारण तैयार होते हुए भी लोगों को मशीनें उपलब्ध नहीं हो रही हैं।

समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने दिया जोर
कलेक्टर बीएस जामौद ने कलेक्टर बीएस जामोद ने व्यापारियों, विभिन्न एसोसिएशन के सदस्यों, बैंकर्स एवं कृषकों की बैठक में नगदी लेन देन के स्थान पर कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया था। उन्होंने ई-बटुआ एवं मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करने और सभी व्यापारियों से अपने-अपने प्रतिष्ठानों में स्वैप मशीन स्थापित करने की अपील की थी।

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