ग़ौरतलब है कि साल 2020 के मार्च महीने में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो आरोपियों जहानज़ैब सामी वानी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को जामिया नगर के ओखला विहार से पकड़ा गया था। इनका संबंध आईएसआईएस का अहम हिस्सा इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रॉविंस गैंग से पाया गया था। पति-पत्नी दोनों ही मिलकर राजधानी समेत कई इलाकों में हिंसा की साज़िश रच रहे थे।
आतंकी दम्पति से एनआइए ने जब कड़ी पूछताछ की तो दोनों ने सादिया अनवर शेख़ और नबील एस खत्री का नाम बताया। इन दोनों को महाराष्ट्र के पुणे ज़िले से पकड़ा गया। इन चारों की निशानदेही पर एक और अभियुक्त अब्दुर रहमान उर्फ़ डॉक्टर ब्रेव को गिरफ़्तार किया गया।
अबदूर रहमान उर्फ़ डॉक्टर ब्रेव, कर्नाटक के बेंगलुरू से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था। MBBS का ये छात्र अपने आस पास के युवाओं को सीरिया में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर ISIS और ISKP से जोड़ने के काम में लग गया था। उसने सीरिया का दौरा भी किया था। सीरिया में रहमान ने आतंकवादियों को चिकित्सा सुविधा देने के लिए एक मेडिकल एप्लीकेशन भी तैयार किया था। इसके अलावा आईएसआईएस के लिए लेज़र से संचालित होने वाले एंटी टैंक मिसाइल एप्लीकेशन भी बनाया।
जहानज़ैब सामी वानी को अलग अलग मामलों में तीन साल सेलेकर बीस साल की सजा सुनाई गई है। जबकि उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को सात साल की कठोर श्रम की सजा सुनाई गई है।
वहीं पुणे से गिरफ़्तार सादिया अनवर को भी अदालत ने सात साल की सजा सुनाई है सादिया पर अलग अलग धाराओं में मुक़दमा चला था और उसके ख़िलाफ़ कई महत्वपूर्ण सबूत पेश किए गए थे। नबील सिद्दीक़ी खत्री को अलग अलग मामलों में दोषी पाए जाने पर 15 साल और आठ साल की सजा सुनाई गई है। इस पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। अगर नबील यह जुर्माना अदा नहीं कर पाता 2 साल ज़्यादा जेल में रहना पड़ेगा।