दिल्ली: 13,997 करोड़ की रकम शिक्षा पर खर्च होने के बाद भी 8 लाख बच्चे स्कूली शिक्षा से हैं वंचित
मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला कराया शांत
आपको बता दें कि मामले ने जब तूल पकड़ा तो मौके पर स्थानीय पुलिस पहुंची और मामला शांत कराया। पुलिस ने अभिभावकों और स्कूल प्रबंधक के बीच बैठक कराई। इस बीच पैरेंट्स एसोसिएशन ने बताया कि प्रिंसिपल ने इस दुर्भाग्य घटना के लिए माफी मांग ली है और बच्ची को कक्षा में बैठा दिया है। इसके बाद अभिभावक स्कूल से लौट गए। इधर अभिभावकों ने बताया कि उनकी बेटी 9 वीं कक्षा में पढ़ती है। सुबर करीब 10 बजे स्कूल से रोते हुए फोन किया कि फीस न भरने के कारण स्कूल प्रबंधन ने उसे लाइब्रेरी में बैठा दिया है। साथ ही उनका रूटीन परीक्षा भी छूट गया। इसके बाद बच्ची का माता-पिता पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ स्कूल पहुंचे। हालांकि दो घंटे के बाद मौके पर पुलिस पहुंची। पुलिस ने अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन के बीच बैठक कराई। बैठक में प्रिंसिपल ने गलती मानकर बच्ची को कक्षा में बैठा दिया। साथ में यह भी कहा कि अगले दिन छात्रा का एग्जाम करा दिया जाएगा।
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स्कूल प्रबंधन ने दी सफाई
आपको बता दें कि इस घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने सफाई दी है। प्रिंसिपल मंजु राना का कहना है कि नए अध्यादेश के हिसाब से ही स्कूल प्रबंधन फीस ले रहा है। जिन अभिभावकों ने बच्चों की फीस पहले भरी थी उनके बैलेंस को आगे की फीस में एडजस्ट किया जा रहा है। साथ ही कुछ बच्चों की अधिक फीस भी लौटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे अभिभावक हैं जिन्होंने अप्रैल, पहले क्वार्टर की ही फीस नहीं भरी है, अब दूसरा क्वार्टर आ गया है। मंजू राना ने कहा कि बस की फीस स्कूल प्रबंधन नहीं लेता। हालांकि आगे से यह पूरी कोशिश रहेगी कि बच्चों को फीस के लिए परेशान न किया जाए। बता दें कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सभी निजी और सार्वजनिक स्कूलों को सख्त हिदायत दी है कि किसी भी सूरत में सरकार को बिना सूचित किए हुए फीस नहीं बढ़ाएंगे। साथ ही यह भी कहा है कि फीस को लेकर किसी भी विद्यार्थी को परेशान नहीं किया जाना चाहिए।