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सुबह 10 बजे से लेकर 6 बजे कर चला जनमत संग्रह अभियान
जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन की ओर से आयोजित किया गया यह जनमत संग्रह मंगलवार सुबह 10.30 बजे शुरू हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय के कई टीचर्स ने भाग लिया। यह जनमत संग्रह अभियान शाम छह बजे तक चला। जेएनयूटीए की अध्यक्ष सोनाझरिया मिंज कहा कि हमने परामर्श प्रक्रिया के पूरी तरह ठप होने के विरोध में यह जनमत संग्रह किया है।
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इस वजह से किया गया जनमत संग्रह
सोनाझरिया मिंज ने कहा कि परामर्श प्रक्रिया के तहत शिक्षा परिषद में विभिन्न शैक्षिक निर्णय लिए जाते हैं। कोई राय नहीं मांगी है और मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई है। कुछ निर्णयों को बहुत सामान्य तरह से लिया गया है और इस बातचीत के आधार पर निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमेशा से अपेक्षाकृत अधिक लोगों द्वारा निर्णय को स्वीकारने की परंपरा रही है। वह प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है।
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200 शिक्षकों ने जनमत संग्रह में लिया भाग
मिंज ने कहा कि प्राध्यापकों की पदोन्नति, वार्डनशिप के नवीनीकरण में भेदभाव, विश्वविद्यालय ग्रेडवार स्वायत्तता जैसे कई मुद्दों की वजह से प्राध्यापकों को जनमत संग्रह कराने पर मजबूर होना पड़ा।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लगभग 580 शिक्षकों में से लगभग 200 शिक्षकों ने दोपहर तीन बजे तक मतदान किया।