दरअसल, ऐसा माना जा रहा है कि आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा अब यहां नई रणनीति के तहत पार्टी को मजबूत करने में जुटी है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के हरि बाबू का इस्तीफा भी इसी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है।
अध्यक्ष पद की रेस में ये नाम हैं आगे राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, नए अध्यक्ष पद की रेस में एमएलसी सोमू वीरराजू का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा पूर्व मंत्री और पार्टी नेता पी मानिकला राव, काना लक्ष्मीनारायण और डी पुरंदारेश्वरी का नाम भी इस रेस में शामिल हैं। बता दें कि लक्ष्मीनारायण और पुरंदारेश्वरी दोनों कांग्रेस पार्टी का हिस्सा थे।
लेकिन 2014 में राज्य के विभाजन के मुद्दे पर भाजपा में शामिल हो गए। सूत्रों के मुताबिक, हरि बाबू को केंद्र में कोई महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता है। टीडीपी के एनडीए गठबंधन से अलग होने के साथ, भाजपा ने उन नेताओं का उपयोग करने का निर्णय लिया है, जो कांग्रेस से अलग हुए और 2014 में राज्य के विभाजन के बाद पार्टी में शामिल हो गए।
आंध्र प्रदेश में नई रणनीति बनाने में जुटी भाजपा बताया जा रहा है कि तेलुगु देशम पार्टी से अलग होने के बाद भाजपा आंध्र प्रदेश में नई रणनीति बनाने में जुट गई है। माना जा रहा है कि पार्टी कापू समुदाय से ही किसी को अध्यक्ष पद सौंपना चाहती है। वे कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए सीनियर नेताओं का इस्तेमाल कर यहां विपक्ष को मात देना चाहती है। इसके अलावा यहां टीडीपी को भी कड़ी टक्कर देने के मूड में भाजपा दिख रही है। गौरतलब है कि अगले महीने कर्नाटक में भी विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले इस तरह के इस्तीफा ने सियासी गलियारे में हड़कंप मचा दिया है।