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नई दिल्ली

Exclusive Interview: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले- राजस्थान में 2 तिहाई बहुमत से बनेगी BJP सरकार, गहलोत हुए हर पैमाने पर फेल

भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पूरा भरोसा है कि इस बार राजस्थान में दो तिहाई बहुमत से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन कैंपेनिंग करने जयपुर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘राजस्थान पत्रिका’ के नवनीत मिश्र से विशेष बातचीत में कई सवालों के खुलकर जवाब दिए। राजनाथ का मानना है कि किसी राज्य में विकास की पहली शर्त कानून व्यवस्था होती है, लेकिन राजस्थान में गहलोत सरकार इसमें फेल हो गई। कांग्रेस सरकार की आखिरी महीनों में चलाई गई योजनाओं को रेवड़ी बताते हुए वे कहते हैं कि राजस्थानी होने के बावजूद गहलोत राजस्थान की जनता को समझ नहीं पाए। राजस्थान की हवाओं में शौर्य और पराक्रम की गाथाएं तैरती हैं। कभी भी राजस्थान की स्वाभिमानी जनता गहलोत सर

नई दिल्लीNov 25, 2023 / 06:22 pm

Navneet Mishra

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रक्षमंत्री राजनाथ सिंह ने कैंपेनिंग के आखिरी दिन राजस्थान पत्रिका से बात की।

सवाल- राजस्थान में चुनाव कैंपेन करने वाले आप भाजपा के शीर्ष नेता रहे, कार्यकर्ताओं से मिलने और सभाओं में जनता की मिली प्रतिक्रियाओं से आपको क्या संकेत मिले?


जवाब- मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि राजस्थान में हम दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। भाजपा की सरकार बनाने को लेकर जनता का उत्साह साफ देखने को मिला है। जनता में हम यह संदेश देने में सफल रहे कि राजस्थान को वर्तमान संकट से भाजपा ही निकाल सकती है।
सवाल- आप इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हैं कि भाजपा दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही?


जवाब- कई कारण हैं। राजस्थान में कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। अपराधियों के हौसले बुलंद हैं। 2 लाख से ज्यादा महिलाओं और मासूम बच्चियों के साथ अत्याचार की घटनाएं हुई हैं। कांग्रेस की गहलोत सरकार ने भ्रष्टाचार से राजस्थान को विकास के मार्ग से बर्बाद की राह पर मोड़ दिया। जबकि केंद्र से लेकर राज्यों में विकास का हमारा ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है। हमारी किसी सरकार पर आज तक भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं लगा है।जनता ने भी तय कर लिया है कि हमें भाजपा की सरकार चाहिए।
सवाल- राजस्थान में पार्टी ने इस बार कोई स्थानीय चेहरा घोषित नहीं किया। वसुंधरा राजे की भूमिका को लेकर भी सियासी गलियारे में तमाम अटकलें लगती रहीं ? क्या जीत पर वे सीएम बनेंगी?
जवाब- यह सच है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे का हमारे पास प्रभावी चेहरा है। उन्होंने सीएम रहते बढ़िया सरकार चलाई। लेकिन, सीएम कौन बनेगा यह चुनाव बाद तय होगा। हमारे यहां सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से तय होता है। इसमें विधायको से परामर्श होता है और संसदीय बोर्ड निर्णय लेता है। जहां तक चेहरा न घोषित होने की बात है तो बहुत राज्यों में हम बिना किसी को प्रोजेक्ट किए चुनाव लड़ते हैं तो कई राज्यों में चेहरे घोषित कर भी चुनाव लड़ते हैं। हर राज्य की परिस्थिति के अनुरूप यह हमारी रणनीति का हिस्सा होता है।

सवाल- जिस तरह आपको भरोसा है कि भाजपा की सरकार आने वाली है, उसी तरह मुख्यमंत्री गहलोत को भी भरोसा है कि 7 गारंटियों के सहारे राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट होकर इतिहास बनाएगी।
जवाब – राजस्थान की जनता सब समझती है। मुख्यमंत्री गहलोत को जब लगा कि चुनाव हार रहे हैं तो उन्होंने आखिरी समय में रेवड़ी बांटनी शुरू कर दी। गहलोत सरकार के कुशासन से ऊब चुकी जनता इन योजनाओं के झांसे में नहीं आने वाली।
सवाल – भाजपा ने विधानसभा चुनाव में 7 सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा तो टिकट कटने से कई नेता बगावत कर बैठे। कांग्रेस भी तंज कस रही है कि हार की डर से पार्टी को सांसदों को उतारना पड़ा

जवाब – देखिए, एक बात स्पष्ट कर दूं कि जो सांसद विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं, इसका यह अर्थ नहीं है कि संसद में उनकी भूमिका संतोष जनक नहीं रही या फिर पार्टी के पैमाने पर वे खरे नहीं उतरे। राज्यों के विधानसभा चुनाव की भी बहुत अहमियत होती है। पार्टी को लगा कि ये सांसद किसी खास सीट पर चुनाव जीत सकते हैं तो पार्टी ने उन्हें मैदान में उतार दिया।
सवाल- कांग्रेस और राहुल गांधी लगाए प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर रहे। वर्ल्ड कैप मैच में हार पर उन्हें पनौती बोला।


जवाब- मुझे लगता है कि कांग्रेस नेताओं के पास मर्यादित शब्दों का अकाल पड़ गया है। राजनीति और सामाजिक जीवन में मर्यादा नहीं टूटनी चाहिए। राजनीति में इस तरह की शब्दावली का प्रयोग कतई नहीं होना चाहिए। राजनीति में दिन प्रतिदिन गिरता भाषा का स्तर दुर्भाग्यपूर्ण है।

सवाल – कांग्रेस के वादों को तो भाजपा फ्रीबीज कहकर सवाल उठाती है, लेकिन आपकी पार्टी भी कई लोकलुभावन योजनाएं चला रही। अंतर क्या है ?


जवाब – देखिए, दोनों में अंतर है। हम रेवड़ी कल्चर में विश्वास नहीं रखते। हम सोशल इंपावरमेंट में यकीन रखते हैं। किसानों की न्यूनतम आवश्यकताएं पूरी हो सकें, इसके लिए हमने पीएम किसान सम्मान निधि को 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार करने का वादा किया है। विदेशों में 3 हजार रुपए मिलती है, उस यूरिया को हम 300 में देते हैं। यूरिया पर 2 लाख करोड़ की सब्सिडी देकर हम कोई अहसान किसानों पर नहीं कर रहे, बल्कि देश के अन्नदाताओं को आर्थिक रूप से मदद कर रहे। चुनाव के एन वक्त मुफ्त की घोषणाएं करना और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए योजनाएं चलाना दोनों में अंतर होता है।

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