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ISRO: क्षुद्रग्रह एपोफिस पर नजर रखेंगे इसरो और ईएसए

ISRO: इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने मिलकर नया मिशन शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका नाम 'रैमसेस' है।

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ISRO: इसरो और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने मिलकर नया मिशन शुरू करने की योजना बनाई है, जिसका नाम 'रैमसेस' (रैपिड एपोफिस मिशन फॉर सिक्योरिटी एंड सेफ्टी) है। यह मिशन क्षुद्रग्रह एपोफिस को ट्रैक कर उसका अध्ययन करेगा, जो 2029 में पृथ्वी के काफी करीब आएगा। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसरो अपना मिशन भेजेगा या अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम करेगा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में बताया कि इसरो ने ईएसए के साथ इस मिशन पर चर्चा शुरू कर दी है। एपोफिस एक बड़ा क्षुद्रग्रह है जो पृथ्वी के 32,000 किमी के दायरे में आएगा। यह घटना लगभग 5,000 से 10,000 वर्षों में एक बार होती है और वैज्ञानिकों को क्षुद्रग्रह का करीबी से अध्ययन करने का अच्छा अवसर होगा।

क्षुद्रग्रह से टकराने की खतरे

क्षुद्रग्रह सौर मंडल के निर्माण के समय बची चट्टानी वस्तुएं हैं। इनमें से ज्यादातर पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते समय जलकर नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कुछ हिस्से कई बार पृथ्वी तक पहुंचते हैं। एक बड़े क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने पर गंभीर नुकसान हो सकता है, जैसा 6.5 मिलियन साल पहले डायनासोरों के विलुप्त होने का कारण माना जाता है। यह मिशन पृथ्वी की सुरक्षा और वैज्ञानिक अध्ययन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है