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11 हजार 677 क्विंटल धान खराब, शासन को 2 करोड़ 62 हजार से ज्यादा का नुकसान

मेंटेनेंस कंपनी की कमी बताकर अपनी लापरवाही पर पर्दा डाल रहे अधिकारीडिंडौरी. समय पर मिलिंग न होने व देखरेख के अभाव में ओपन कैप में रखी हजारों क्विंटल धान खराब हो गई। इससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति निगम और वेेयर हाउस कॉर्पोरेशन प्रबंधन पूरा ठीकरा रख-रखाव व […]

डिंडोरीJun 07, 2024 / 07:15 pm

Prateek Kohre

मेंटेनेंस कंपनी की कमी बताकर अपनी लापरवाही पर पर्दा डाल रहे अधिकारी
डिंडौरी. समय पर मिलिंग न होने व देखरेख के अभाव में ओपन कैप में रखी हजारों क्विंटल धान खराब हो गई। इससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति निगम और वेेयर हाउस कॉर्पोरेशन प्रबंधन पूरा ठीकरा रख-रखाव व देखरेख करने वाली कंपनी के सर पर फोड़ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि संबंधित कंपनी की लापरवाही की वजह से धान खराब हुई है। इसकी जानकारी उन्होंने भोपाल स्तर तक दे दी है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा किसानों से खरीदी गई धान का उठाव किया गया था। उठाव के बाद खरीदी गई धान को निगम और मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग एवं लाजिस्टिक्स कार्पोरेशन के द्वारा तीन अलग अलग ओपन कैप में धान का भण्डारण किया गया था। इसकी देखरेख एवं रखरखाव का ठेका अहमदाबाद की एक कंपनी को दिया गया था। समय पर धान परिवहन नहीं होने और भंडारित धान का रखरखाव करने वाली कंपनी की अनदेखी के चलते हजारों क्विंटल धान बारिश में भीगकर खराब हो गई। अधिकारियों की माने जो जिले के तीन ओपन कैप में 11 हजार 677 क्विंटल धान का भण्डारण किया गया था। बारिश में भीगने की वजह से पूरी धान खराब हो गई है। इससे शासन को लगभग 2 करोड़ 62 लाख का नुकसान हुआ है। इसकी जानकारी भोपाल कार्यालय को भेज दी गई है। वहीं खराब धान की बोरियां अभी भी ओपन कैप में रखी हुई है। धान पूरी तरह से सडऩे की वजह से बदबू देने लगी है। इससे उठने वाली दुर्गंध से आस-पास के रहवासियों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इसके अलावा सड़ी-गली धान खाने की वजह से मवेशी भी बीमार पड़ रहे हैं। मध्यप्रदेश वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक होती लाल मरावी ने बताया की चांदपुर ओपन कैब में 8785 क्विंटल, निगवानी में 2416 क्विंटल एवं धमनगांव में 475 क्विंटल धान पूरी तरह से खराब हुई है। इसकी रिपोर्ट उन्होंने भोपाल कार्यालय को प्रेषित कर दी है। पूरे मामले पर विभागीय अधिकारियों ने मेंटेनेंस कंपनी पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ा है और नुकसान की भरपाई की बात कही है। दो वर्ष से ओपन कैप में धान रखी हुई थी इसका मिलिंग के लिए उठाव नहीं कराया गया। धान खरीदी व भण्डारण के बाद उसकी समय पर मिलिंग कराने की जिम्मेदारी नागरिक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के हांथ में होती है। विभाग ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और न ही मध्यप्रदेश वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन प्रबंधन ने ओपन कैप में रखी धान के रखरखाव व सुरक्षा की सुध ली। अब जब धान पूरी तरह से खराब हो गई है तो पूरी जिम्मेदारी ठेका कंपनी पर थोपने का प्रयास किया जा रहा है। चांदपुर निवासी सुनील ने बताया कि खराब धान से उठने वाली दुर्गंध से लोगों को हो रही समस्या को लेकर उन्होने विभाग को अवगत कराया है। इसके बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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