script48 सैंपलों में से 42 निगेटिव, ली राहत की सांस | 42 negative out of 48 samples, Lee breathed a sigh of relief | Patrika News
चुरू

48 सैंपलों में से 42 निगेटिव, ली राहत की सांस

शुक्रवार को पूरा दिन जिला प्रशासन पर बहुत भारी गुजरा। सघन सर्वे। जबरदस्त स्क्रीनिंग के बावजूद दो मोर्चों ने उसकी चिंता बढ़ाए रखी। पहली तो बीकानेर में अटकी जमाती कनेक्शन के 48 सैंपलों की रिपोर्ट ने और दूसरी चूरू और सरदारशहर दोनों ही जगह प्रभावित इलाकों में लोगों के असहयोग ने।

चुरूApr 04, 2020 / 02:03 pm

Madhusudan Sharma

48 सैंपलों में से 42 निगेटिव, ली राहत की सांस

48 सैंपलों में से 42 निगेटिव, ली राहत की सांस

चूरू. शुक्रवार को पूरा दिन जिला प्रशासन पर बहुत भारी गुजरा। सघन सर्वे। जबरदस्त स्क्रीनिंग के बावजूद दो मोर्चों ने उसकी चिंता बढ़ाए रखी। पहली तो बीकानेर में अटकी जमाती कनेक्शन के 48 सैंपलों की रिपोर्ट ने और दूसरी चूरू और सरदारशहर दोनों ही जगह प्रभावित इलाकों में लोगों के असहयोग ने। लेकिन शनिवार का दिन प्रशासन के लिए राहत लेकर आया। इन 48 सैंपलों में 42 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि इनके संपर्क में आए दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद स्वास्थ्य महकमे के आरसीएचओ ने तबलीगी जमात के के चूरू में उनके ठिकानों व उनके संपर्क में आए लोगों की स्क्रीनिंग तेज कर दी है। शनिवार को एक धार्मिक स्थल के आस-पास के इलाकों में उनकी स्क्रीनिंग कर पूछताछ जारी है। चूरू में तो आलम यह रहा कि वार्ड सात में दो घरों के लोगों ने स्क्रीनिंग का इस कदर विरोध किया कि वहां न सिर्फ टीम को अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाना पड़ा, बल्कि पुलिस को भी मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।


सिफ बयानों पर भरोसा
शुक्रवार को एक बात तो साफ हो गई कि प्रशासन ने दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने से पहले और बाद में भी उनके दिये बयानों पर ही भरोसा फिलहाल तक कायम रखा है। गौरतलब है कि इन बयानों में चूरू में एक धार्मिक स्थल में मिले नौ लोगों (सभी हरियाणा निवासी) और सरदारशहर में मिले आठ लोगों ने लगभग एक ही बयान दिया था कि चूरू और सरदारशहर पहुंचने के बाद वे लोग अपने ठिकाने से बाहर नहीं निकले थे और बेहद कम लोगों से मिले थे। अगर सैंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है, तो माना जा रहा है कि सब कुछ प्रशासन के हाथ में होगा, लेकिन अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो प्रशासन के लिए भी हालात संभाल पाना और संक्रमण को चौथे और महामारी के चरण में जाने से रोक पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

वार्ड सात में 40 मिनट तक रुकी रही स्क्रीनिंग
बताया जाता है कि दोपहर में करीब सवा बारह बजे एएनएन, आशा वर्करों और चिकित्सकों से युक्त टीम जब वार्ड सात के तेलीबाड़ा की एक गली में दाखिल हुई और वहां पर उन्होंने दो मकानों में संपर्क किया, तो दोनों ही जगह मौजूद लोगों ने उन्हें किसी भी तरह की जानकारी देने से मना कर दिया और तर्क-वितर्क करने लगे। मामला यहां तक बढ़ा कि उन्होंने एक एएनएम से हाथापाई भी की। इसी बीच टीम के दूसरे सदस्यों ने आरसीएचओ और स्क्रीनिंग अभियान के प्रभारी डॉ. सुनील जांदू को खबर कर दी, जिन्होंने तुरंत पुलिस को इत्तिला दी। डॉ. जांदू खुद भी मौके पर पहुंचे, तब तक विवाद चल ही रहा था। पुलिस के आने के बाद स्वास्थ्य टीम ने भी अपना रवैया कड़ा किया, तब जाकर वे माने और अनमनेपन से ही जानकारी दी। इस दौरान पूरा मोहल्ला मौके पर जुट गया था। इतना ही नहीं, छतों पर भी लोग जमा हो गए थे।

इन वार्डों में हुई स्क्रीनिंग
चूरू के वार्ड नंबर 4 से लेकर 14 में (वार्ड 10 को छोड़ कर) स्वास्थ्य विभाग की 38 टीमों ने 2587 घरों के 19250 लोगों की स्क्रीनिंग की। इन लोगों में 39 लोगों को खांसी-जुकाम के लक्षण मिले।

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