
आपातकाल और संविधान की रक्षा के मुद्दे पर सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल भाजपा मंगलवार को विधानसभा में आमने-सामने आए और दोनों के बीच तीखी बहस हुई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर संविधान की हत्या और लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट करने का आरोप लगाया। लंबी बहस और हंगामे के कारण स्पीकर यू.टी. खादर ने विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।
विधानसभा में यह मुद्दा तब आया जब उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने विधानसभा के अंदर संविधान की प्रस्तावना वाली पट्टिका लगाए जाने पर स्पीकर खादर की सराहना करते हुए नेता प्रतिपक्ष आर.अशोक पर कटाक्ष किया। शिवकुमार ने कहा कि संविधान की रक्षा के प्रति स्पीकर की चिंता के लिए अशोक और उनकी पार्टी भाजपा को बधाई देनी चाहिए।
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए अशोक ने कांग्रेस पर 1975 में आपातकाल घोषित कर संविधान की हत्या करने का आरोप लगाया। शिवकुमार ने पलटवार किया और कहा कि उसके बाद कांग्रेस के इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी. नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह भी प्रधानमंत्री बने। एस.सुरेश कुमार ने कहा कि वे आपातकाल के भुक्तभोगी हैं। व्यंग्यात्मक लहजे में सुरेश ने कहा कि वे हाई ग्राउंड पुलिस थाने के मेहमान बने थे। कांग्रेस उन 21 महीनों के आपातकाल के काले धब्बे से बाहर नहीं आ सकती। उसका श्रेय शिवकुमार और उनकी पार्टी को जाता है। इस बारे में वे कुछ नहीं जानते हैं। संसद को बंदी बनाकर कई गैरकानूनी काम किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव समेत कई कांग्रेस सदस्यों ने सुरेश कुमार के बयान पर आपत्ति जताई और दावा किया कि पिछले दस वर्षों से देश में अघोषित आपातकाल है। कुछ कांग्रेस विधायकों ने गोधरा की घटना का उल्लेख किया और भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दुरुपयोग का आरोप लगाया। दोनों पक्षों के बीच इसपर तीखी बहस शुरू हो गई।
स्पीकर खादर ने हंगामे को शांत करने की कोशिश की और कहा कि गुजरात से केरल तक पूरे समुद्र तट पर उस समय तस्करों का राज था। आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें जेल में डाल दिया था। इस पर वरिष्ठ नेता अरगा ज्ञानेंद्र और अन्य भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई और कहा कि आपातकाल संविधान का दुरुपयोग है। अध्यक्ष को आपातकाल का बचाव नहीं करना चाहिए।
फिर दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। अशोक ने कहा कि अध्यक्ष को आपातकाल का बचाव करते हुए नहीं बोलना चाहिए। अध्यक्ष ने कहा कि आपातकाल के पक्ष और विपक्,ष दोनों हैं। हर चीज पर चर्चा होनी चाहिए। भाजपा विधायक हरीश पूंजा ने पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार को हाजी मस्तान को गिरफ्तार करने के लिए आपातकाल लागू करना जरूरी था।
हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक राजेगौड़ा ने पूंजा के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया जिसे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। लेकिन, नाराज भाजपा विधायकों ने सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक से माफी मांगने की मांग की। जब स्थिति नियंत्रण में नहीं आई, तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी।
Published on:
24 Jul 2024 04:49 pm
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