बड़ी मुश्किल से अस्पताल लाए थे मामले में थाना प्रभारी विकास चौहान ने बताया की युवती कृष्णा के शरीर पर कट लगने की बात उन्हें सोशल मीडिया के जरिए लगी थी। प्रभारी चौहान ने कहा की मैं गांव पहुंचा और परिजनों से अस्पताल ले जाने के लिए कहा पर वह तैयार नहीं थे। इसके बाद मैंने गांव के लोगों से बात की और फिर उनके कहने पर युवती के परिजन अस्पताल जाने के लिए तैयार हुए। अस्पताल में युवती को रखा गया था और डॉक्टर ने उसकी परेशानी को सुना। इस बीच तहसीलदार भी अस्पताल पहुंचे। युवती को जबलपुर के किसी मनोरोग विशेषज्ञ को दिखाने के लिए अस्पताल के डॉक्टर ने कहा है पर परिजन इसके लिए तैयार नहीं है और वह युवती को वापस घर ले गए हैं।
कैमरे में भी सच नहीं आया सामने कृष्णा को जहां भर्ती किया गया था वहां सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, लेकिन चादर ओढ़कर सो रही युवती को कट लग गया, जिससे हकीकत सामने नहीं आ सकी। वहीं दूसरी बार कट उसे बाथरूम से निकलने के दौरान लगा, लेकिन यहां भी अस्पताल का कोई मौजूद नहीं था।
बता दें की ड्यूटी डॉ. उमाशंकर पटेल ने पीड़ित कृष्णा की चोटों का चिकित्सीय परीक्षण कर इलाज किया। साथ ही पुलिस स्टाफ की उपस्थिति में पीड़ित की काउंसिलिंग की गई थी। इस दौरान तहसीलदार प्रवीण त्रिपाठी भी राजस्व टीम के साथ सिविल अस्पताल पहुंचे थे और पीड़िता के इलाज की व्यवस्था देखी। डॉ. यूएस पटेल ने जैसे ही पीड़िता की वर्तमान समस्या के समाधान के लिए उसे मनोरोग चिकित्सक जबलपुर ले जाने के लिए कहा, तो परिजन तैयार नहीं हुए।
पांच बार सांप ने डसा
मामले में एक और हैरान करने वाली बात यह भी सामने आई है कि युवती कृष्णा को पांच बार जहरीला सांप डस चुका है। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया की पिछले 5 सालों में कृष्णा को 5 बार सांप ने डसा है। २ बार घर में सांप द्वारा डसा गया और ३ बार खेत में काम करने के दौरान सांप ने डसा। सांप के डसने के बाद इलाज के लिए परिजन सरकारी अस्पताल भी ले जा चुके हैं। लेकिन कृष्णा हर बार सुरक्षित बच गई।